‘चंद्रयान-2’ के बाद ISRO का अगला अभियान ‘सूर्य मिशन’
भारत ने सोमवार को अपने दूसरे चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-2’ का श्रीहरिकोटा से सफल प्रक्षेपण किया। ‘चंद्रयान-2’ के प्रक्षेपण के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की 2020 की पहली छमाही में सूरज के परिमंडल के अध्ययन के लिए सूर्य मिशन ‘आदित्य एल-1’ को अंजाम देने की योजना है।
‘आदित्य एल-1’ का लक्ष्य सूर्य के परिमंडल का अध्ययन करने का होगा जिसमें हजारों किलोमीटर तक फैलीं सूर्य की बाहरी परतें शामिल हैं।
इसरो ने मिशन के बारे में सूचना साझा करते हुए अपनी वेबसाइट पर कहा, ‘परिमंडल कैसे इतना गर्म हो जाता है, सौर भौतिकी में इसका उत्तर अब तक नहीं मिला है।’
इसरो के प्रमुख के. सिवन ने पिछले महीने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि मिशन को 2020 की पहली छमाही में प्रक्षेपित करने की योजना है। सूर्य के परिमंडल का विश्लेषण इसलिए किए जाने की जरूरत है क्योंकि जलवायु परिवर्तन पर इसका बड़ा प्रभाव है।
सिवन अंतरिक्ष विभाग के सचिव भी हैं। उन्होंने कहा था कि इसके अलावा अगले दो-तीन साल में एक अन्य अंतरग्रहीय मिशन शुक्र पर जाने का है।
‘आदित्य एल-1’ अतिरिक्त प्रयोगों के साथ सूर्य के बाह्यमंडल, वर्णमंडल और परिमंडल का निरीक्षण उपलबध करा सकता है। इसरो ने कहा कि इसके अलावा पार्टिकल पेलोड सूर्य से उठते कण प्रवाह का अध्ययन करेंगे।
अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि इन पेलोड को धरती के चुंबकीय क्षेत्र के प्रभाव से बाहर स्थापित किया जाएगा और ये धरती की निचली कक्षा में उपयोगी नहीं हो सकते।
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