73वें स्वतंत्रता दिवस पर ISRO मना रहा अपनी 50वीं सालगिरह

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15 अगस्त 2019 को पूरा भारत 73वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। यह दिन बेहद खास है क्योंकि भारत ने अंग्रेजों की लंबी गुलामी के बाद भारत ने आखिरकार 15 अगस्त 1947 को आजाद हवा में सांस ली और आजाद सुबह का सूरज देखा।

2019 का यह दिन एक और वजह से बेहद खास है। आज के दिन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपनी 50वीं सालगिरह मना रहा है। मालूम हो कि इसरो की शुरुआत 15 अगस्त 1969 के दिन हुई थी। अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में शोध को बढ़ावा देने के मकसद से हुई।

भारत में अंतरिक्ष अनुसंधान से जुड़ा कार्य 1960 के दशक में शुरू हुआ। देश में टोक्‍यो ओलंपिक खेल के सीधे प्रसारण के बाद भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के संस्‍थापक डॉ. विक्रम साराभाई ने देश के विकास में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के महत्व को समझा और इस दिशा में तेजी से काम करना शुरू किया।

कुछ समय बाद 1967 में पहला प्रायोगिक सेटेलाइट, कम्युनिकेशन अर्थस्टेशन अहमदाबाद में शुरू हुआ। कृषि आधारित टी.वी कार्यक्रमों की शुरूआत को लोगों के बीच सराहा गया और इस दिशा में साइट के आगमन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ठीक इसी दौर में भारत का पहला स्पेसक्राफ्ट आर्यभट्ट विकसित किया गया।

1980 के दशक में भास्कर वन और टू की शुरूआत रिमोट सेंसिंग की दिशा में एक बड़ा कदम था। 1990 के सालों में देश में अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए बड़े स्तर पर आधारभूत संरचना विकसित की गई और पीएसएलवी और जीएसएलवी के विकास ने इसे गति दी और अब चन्द्रयान टू के सफर ने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को एक नई ऊंचाई दी है।

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