STF के हत्थे चढ़ा आईएसआई एजेंट तहसीम उर्फ मोटा

अवैध असलहा जुटा रहा था, बड़े वारदात को अंजाम देने की थी तैयारी

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एसटीएफ ने गुरुवार को आईएसआई एजेंट कलीम के भाई तहसीम उर्फ मोटा को मेरठ से गिरफ्तार कर लिया. तहसीम शामली के वर्षावाली गली का रहने वाला है. डीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने बताया, तहसीम देश विरोधी गतिविधियों में शामिल था और वह अवैध असलहा जुटा रहा था. वह बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम को अंजाम देने की तैयारी में था.

डीजी ने बताया कि तहसीम आईएसआई हैंडलर्स के संपर्क में था. इससे पहले उसके खिलाफ नकली नोटों की तस्करी के मुकदमे दर्ज किए गए थे. एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश ने बताया कि पिछले साल 16 अगस्त को शामली में देश विरोधी गतिविधियों और आंतरिक सुरक्षा को क्षति पहुंचाने के सम्बन्ध में एसटीएफ ने आईएसआई एजेंट कलीम को गिरफ्तार किया था.

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भाई कलीम के साथ आता-जाता था पाकिस्तान

बुधवार को एसटीएफ ने मुजफ्फरनगर के बुढाना से इस मुकदमे में वांछित कलीम के भाई तहसीम उर्फ मोटा को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में तहसीम ने बताया कि वह और उसका भाई कलीम पाकिस्तान आते-जाते हैं. वहां उनकी आईएसआई के कुछ हैंडलर्स से पहचान हो गयी थी. हैंडलर्स ने पैसों का लालच देकर कहा कि भारत में जिहाद फैलाने के लिए असलहा व गोला-बारूद दिया जाएगा. तुम अपने लोगों को तैयार करो, जो कई स्थानों पर दंगा-फसाद कर सके. ताकि भारत में शरिया कानून के तहत नये सिस्टम को स्थापित कर इस्लामिक राष्ट्र बनाया जा सके. इसके बाद तहसीम और कलीम फर्जी सिम प्राप्त कर वाट्सएप से पाकिस्तान में आईएसआई एजेंट दिलशाद उर्फ मिर्जा को संवदेनशील सूचनाएं भेजने लगे.

हमीदा ने तहसीम की कराई थी इकबाल काना से मुलाकात

एडीजी एसटीएफ ने बताया कि तहसीम उर्फ मोटा वर्ष 2002 में पान, कत्था आदि बेचने के बहाने पाकिस्तान में अपने रिश्तेदार के पास गया था. वह लाहौर में कैराना की रहनेवाली हमीदा से मिला. कैराना निवासी इकबाल काना जो काफी वर्ष पहले आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त होने के बाद पाकिस्तान भाग गया था, हमीदा उसकी सहयोगी थी. पकडे़ जाने के डर से वह भी इकबाल काना की मदद से पाकिस्तान चली गयी थी. हमीदा के माध्यम से तहसीम की मुलाकात लाहौर के ड्राई फूड के दुकानदार इकबाल काना से हुई थी. इसके बाद इकबाल के सहयोगी केसर ने उसे भारत में नकली नोट की सप्लाई के लिए आईएसआई हैंडलर दिलशाद मिर्जा से मिलवाया.

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