संभल में 47 साल पहले हुए दंगों की जांच शुरू, कमीश्नर ने बुलाई बैठक
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में 24 नवंबर को भड़की हिंसा के बाद से पुलिस लगातार आरोपितों के खिलाफ कार्यवाही कर रही है. वहीं, सीएम ने यहां 1978 में हुए दंगों की फाइल को खोलने और जांचकर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही के आदेश दिए हैं. 47 साल पहले हुए दंगों में जहां 184 लोगों की जान चली गई थी वहीं 169 लोगों पर केस दर्ज किया गया था. सीएम योगी ने इसके बारे में विधानसभा में बयान दिया था जिसके बाद यह कदम उठाया गया है. जांच शुरू करने के क्रम में आज संभाल के कमीश्नर ने एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है.
जांच में हुआ था हिंदुओं के साथ भेदभाव….
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, योगी सरकार का मानना है कि 1978 में संभल में हुए दंगों में हिंदुओं के साथ काफी भेदभाव हुआ था. इसलिए एक बार फिर सरकार ने इसकी फाइल खोलने के आदेश दे दिए हैं. इस मामले में गृह विभाग की ओर से संभल के जिलाधिकारी और एसपी को पत्र भेज दिया गया है. कहा जा रहा है कि वे आज से 47 साल पहले हुए दंगों की जांच कर इसकी रिपोर्ट एक सप्ताह के अंदर पेश करेंगे.
फिर खुलेगी दंगों की फाइल…
गौरतलब है कि आज से 47 साल पहले हुए संभल दंगों की फाइल को फिर खोला जाएगा और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी. यह फैसला सीएम के विधानसभा में दिए गए बयान के बाद लिया गया है. बता दें कि संभल में 29 मार्च 1978 में दंगे भड़के थे. यह दंगे एक दो दिन नहीं बल्कि कई दिनों तक चले जिसके चलते पुलिस ने कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया था. इस दंगे में 184 लोग मारे गए थे जबकि 169 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था.
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कमिश्नर ने आज बुलाई बैठक…
बता दें कि इस आदेश के बाद संभल के कमिश्नर ने आज अधिकारियों की बैठक बुलाई है और उन्हें दंगों से जुड़े दस्तावेज पेश किये जाने को कहा है. इसमें प्रमुख रूप से जानकारी ली गई है कि दंगों के गवाहों को कोर्ट में कितनी बार पेश किया गया और कोर्ट के वारंट का स्टेटस क्या है.
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योगी ने किया था विधानसभा में 1978 दंगों का जिक्र…
बता दें कि पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने विधानसभा में संभल दंगों का जिक्र किया था. उन्होंने कहा था कि 1978 से लेकर आज तक संभल में हुए हिंसा के चलते 209 हिंदुओं की जान चली गई है. 1978 संभल हिंसा के दौरान आगजनी हुई थी. इतना ही नहीं सीएम ने विपक्ष पर भी हमला बोलते हुए कहा कि दंगे में मारे गए निर्दोष हिंदुओं के लिए इन्होंने एक शब्द भी नहीं बोला .उन्होंने यह भी कहा कि संभल में जो आज मंदिर निकल रहा है उसे भी इन लोगों ने 1978 में खुलने नहीं दिया था.