पुलिस ने 15 किलो सोने की तस्करी के आरोप में कांग्रेस नेता को दबोचा
मुंबई में राजस्व खुफिया विभाग के अधिकारियों को एक सोने के तस्कर (smuggler) को पकड़ने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। 15 किलोग्राम सोने की तस्करी के आरोपी कांग्रेसी नेता मोहम्मद जमादार को पकड़ने के लिए अधिकारियों को छत्रपति महाराज शिवाजी टर्मिनस से लेकर बांद्रा- वर्ली सी लिंक तक करीब 45 मिनट तक उसकी कार का पीछा करना पड़ा।
तस्करी के एक रैकिट का मास्टरमाइंड है
दक्षिण मुंबई कांग्रेस कमिटी उपाध्यक्ष मोहम्मद जमादार के खिलाफ जारी रिमांड के मुताबिक वह सोने की तस्करी के एक रैकिट का मास्टरमाइंड है। आरोप है कि जमादार दुबई से सोने की तस्करी के लिए कमीशन पर लोगों को रखता था और एक बार काम होने पर 10 हजार रुपये देता था। बताया जा रहा है कि वह वर्ष 2015 से इस रैकेट में शामिल है।
इसके बाद वह एक मर्सडीज कार से वहां से भाग निकला
गुरुवार को छत्रपति शिवाजी टर्मिनस पर जैसे ही राजस्व खुफिया विभाग के अधिकारियों ने उसकी गिरफ्तारी की तैयारी की, उसे भनक लग गई।
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इसके बाद वह एक मर्सडीज कार से वहां से भाग निकला। इसके बाद करीब करीब 45 मिनट तक पीछा करने के बाद 8 पुलिस की गाड़ियों की बैरिकेडिंग कर उसे रोका जा सका।
अलग-अलग कार से वहां से भाग निकले
डीआरआई अधिकारियों ने बताया कि जमदार को जैसे ही हमने उसके सहयोगियों के साथ देखा तुरंत डेप्युटी पुलिस कमिश्नर को सूचना दी। उन्होंने तुरंत मौके पर पुलिस की टीम भेज दी। इस बीच जमादार और उसके गुर्गों को शक हुआ और वे तुरंत अलग-अलग कार से वहां से भाग निकले। पुलिस पीछे लग गई। उधर, सूचना मिलते ही पुलिस की अन्य टीमें वर्ली सी-लिंक क्षेत्र में तैनात कर दी गईं ताकि किसी भी तरह से जमादार भागने न पाए। करीब 45 मिनट तक पीछा करने के बाद वर्ली सी-लिंक के पास खुद को चारों तरफ से घिरा पाकर उसने आत्मसर्पण कर दिया।
डीआरआई को जमादार की तलाश थी
बता दें कि करीब 15 किलोग्राम (4.5 करोड़ रुपये की कीमत) सोने की तस्करी के आरोप में फरवरी से डीआरआई को जमादार की तलाश थी। डीआरआई अधिकारियों के मुताबिक आठवीं कक्षा का ड्रापआउट जमादार एनआरआई है, जो दुबई से रैकेट चलाता है।साभार
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