INS विक्रांत 2022: पीएम मोदी ने भारतीय नौसेना को सौंपा पहला स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत, कहा- भारत की बेटियों के लिए कोई बंधन नहीं
भारतीय नौसेना के लिए आज का दिन काफी खास है.क्योंकि, नौसेना के खेमे में पहला स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत आईएनएस विक्रांत शामिल हुआ है. पीएम नरेंद्र मोदी ने एक कार्यक्रम में आईएनएस विक्रांत को देश की नौसेना को सौंप दिया है. साथ ही 8 साल बाद आज भारतीय नौसेना का निशान बदल गया है. पीएम मोदी ने आज नए निशान का अनावरण किया. नौसेना का नया निशान औपनिवेशिक अतीत से दूर और भारतीय मैरिटाइम हैरिटेज से लैस है.
इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा
‘विक्रांत केवल एक युद्धपोत नहीं है, यह 21वीं सदी के भारत के परिश्रम, प्रतिभा, प्रभाव और प्रतिबद्धता का प्रमाण है. आजादी के आंदोलन में हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने जिस सक्षम, समर्थ और शक्तिशाली भारत का सपना देखा था. उसकी जीती जागती तस्वीर विक्रांत है. अगर समंदर और चुनौतियां अनंत हैं तो भारत का उत्तर है विक्रांत. आजादी के अमृत महोत्सव का अतुलनीय योगदान है विक्रांत.’
पीएम मोदी ने कहा
‘इंडियन नेवी ने अपनी सभी शाखाओं को महिलाओं के लिए खोलने का फैसला किया है. जो पाबंदियां थीं वो अब हट रही हैं. जैसे समर्थ लहरों के लिए कोई दायरे नहीं होते, वैसे ही भारत की बेटियों के लिए भी अब कोई दायरे या बंधन नहीं होंगे.’
पीएम मोदी ने कहा
‘विक्रांत विशाल है, विराट है, विहंगम है. विक्रांत विशिष्ट है, विक्रांत विशेष भी है. ये 21वीं सदी के भारत के परिश्रम, प्रतिभा, प्रभाव और प्रतिबद्धता का प्रमाण है. विक्रांत आत्मनिर्भर होते भारत का अद्वितीय प्रतिबिंब है. आज भारत विश्व के उन देशों में शामिल हो गया है, जो स्वदेशी तकनीक से इतने विशाल एयरक्राफ्ट कैरियर का निर्माण करता है.’
पीएम मोदी ने कहा
‘आज INS विक्रांत ने देश को एक नए विश्वास से भर दिया है, देश में एक नया भरोसा पैदा कर दिया है. INS विक्रांत के हर भाग की अपनी एक खूबी है, एक ताकत है, अपनी एक विकासयात्रा भी है. ये स्वदेशी सामर्थ्य, स्वदेशी संसाधन और स्वदेशी कौशल का प्रतीक है. इसके एयरबेस में जो स्टील लगी है, वो स्टील भी स्वदेशी है.’
वहीं, इस मौके पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा
‘भारतीय नौसेना हमेशा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के संकटों में पहली प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार है. INS विक्रांत के नौसेना में शामिल होने से इसकी क्षमता और मजबूत होगी.’
Indigenous Aircraft Carrier IAC Vikrant, largest & most complex warship ever built in India's maritime history, named after her illustrious predecessor, India’s first Aircraft Carrier which played a vital role in 1971 war, is all set to be commissioned.#INSVikrant
(Source:Navy) pic.twitter.com/K9EhN8QON4
— ANI (@ANI) September 2, 2022
बता दें आईएनएस विक्रांत को साल 2009 में बनाना शुरू किया गया था. आज 13 साल बाद ये नौसेना मिला है. कोचीन शिपयार्ड पर तैयार किए गए इस विमान वाहक पोत के निर्माण में 20,000 करोड़ रुपये की लागत आई है.
आईएएस विक्रांत में 30 एयरक्रॉफ्ट तैनात हो सकते हैं. इसके अलावा इससे मिग 29K फाइटर जेट भी उड़ान भरके एंटी-एयर, एंटी-सरफेस और लैंड अटैक में भूमिका निभा सकता है. इससे Kamov 31 हेलिकॉप्टर भी उड़ान भर सकता है. आईएनएस विक्रांत का वजन 45 हजार टन है. इतना ही नहीं, इसकी लंबाई 262 मीटर और चौड़ाई 62 मीटर है. इस पोत के आधिकारिक तौर पर शामिल होने से नौसेना की ताकत दोगुनी हो जाएगी.