भारत का व्यापार घाटा बढ़कर 26.91 अरब डॉलर पर पहुंचा

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भारत के व्यापार घाटे में लगातार बढ़ोतरी जारी है और इसके अक्टूबर में और बढ़ने का आंकड़ा सामने आया है. अक्टूबर में देश का व्यापार घाटा बढ़कर 26.91 अरब डॉलर पर आ पहुंचा है. ये इससे पिछले महीने सितंबर में 25.71 अरब डॉलर पर रहा था. महीने दर महीने आधार पर देश के व्यापार घाटा में तेजी आना चिंता का विषय बन रहा है.

भारत का व्यापार घाटा एक साल पहले की तुलना में अक्टूबर 2022 में 50.25% बढ़कर 26.91 बिलियन डॉलर हो गया, और सितंबर 2022 के घाटे से 4.66% अधिक था।

भारत का वस्तुओं का निर्यात अक्टूबर में पिछले साल के समान महीने की तुलना में 16.65 फीसदी घट गया है और ये 29.78 अरब डॉलर रह गया है. वाणिज्य मंत्रालय की ओर से मंगलवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. सितंबर में देश का निर्यात 35.45 अरब डॉलर पर रहा था जो सितंबर में घट गया है. वहीं पिछले साल की समान अवधि यानी अक्टूबर 2021 में ये 35.73 अरब डॉलर पर रहा था.

वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि अक्टूबर के व्यापार के आंकड़ों पर दिवाली और दशहरा त्योहारी सीजन का असर पड़ा है क्योंकि कारखाने के कर्मचारी छुट्टी पर चले जाते हैं। “यह एक मौसमी उछाल है हम यह आकलन करेंगे कि क्या यह एक प्रवृत्ति है जो नवंबर के व्यापार संख्या को देखने के बाद बनी रहेगी विश्व व्यापार संगठन ने वैश्विक व्यापार वृद्धि के पूर्वानुमानों को कम कर दिया है और आईएमएफ ने सकल घरेलू उत्पाद के विकास अनुमानों को घटा दिया है। हम लगातार आंकड़ों पर नजर रख रहे हैं और हम देखेंगे।

क्या है व्यापार घाटा बढ़ने का कारण…

ग्लोबल महंगाई दर के आंकड़े, रूस-यूक्रेन लड़ाई, चीन-ताइवान संकट और सप्लाई में बाधा से देश की मांग पर निगेटिव असर आ रहा है. निर्यातकों को कम मांग से जूझना पड़ रहा है और वो इसके निदान के रास्ते तलाश रहे हैं. आयात भी लगातार बढ़ता जा रहा है और इसका नकारात्मक असर देश का व्यापार घाटा बढ़ने के रूप में सामने आ रहा है. हालांकि ऐसा सिर्फ भारत के साथ नहीं है और दुनिया भर में आर्थिक विकास पर असर देखा जा रहा है जिससे भारत भी अछूता नहीं है.

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