ये जीत यादगार रहेगी : पीवी सिंधु
भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने यहां विश्व टूर फाइनल्स में ऐतिहासिक खिताबी जीत के बाद उम्मीद जताई कि अब कोई बड़ा खिताब जीतने की उनकी क्षमताओं पर सवाल नहीं उठाएगा। लगातार सात फाइनल में हार के बाद ओलिंपिक रजत पदक विजेता सिंधु ने अंतत: जापान की नोजोमी ओकुहारा को 21-19, 21-17 से हराकर प्रतिष्ठित सत्रांत टूर्नमेंट का खिताब जीता।
Also Read : काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को लेकर आप का ‘कोहराम’
इस साल राष्ट्रमंडल खेल, एशियाई खेल और विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाली सिंधु ने कहा, ‘मैं काफी खुश हूं। मेरे पास इसे बयां करने के लिए शब्द नहीं हैं क्योंकि फाइनल में खेलने और हारने के बाद इस साल यह मेरी पहली जीत है, इसलिए यह यादगार है।
सत्र का अंत खूबसूरत रहा।’ उन्होंने कहा, ‘हर बार लोग मेरे से समान सवाल पूछते थे। उम्मीद करती हूं कि यह सवाल दोबारा मेरे से नहीं पूछा जाएगा कि आखिर क्यों मैं बार बार फाइनल में हार जाती हूं। मुझे लगता है कि मैं अब कह सकती हूं कि मैंने स्वर्ण पदक जीता है और मुझे इस पर बेहद गर्व है।’
Also Read : मां गंगा के बुलावे पर प्रयागराज पहुंचे पीएम…संगम घाट पर की आरती
सिंधु के मेंटॉर और भारत के मुख्य राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद ने भी फाइनल की बाधा पार करने की अहमियत पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘उनके फाइनल में हारने को लेकर काफी बातें हो रही थी। लोगों को इसका इंतजार था और यह बेहतरीन है कि साल के अंत में जीत दर्ज की।
’ दुनिया की छठे नंबर की खिलाड़ी सिंधु ने अपनी जीत के संदर्भ में कहा, ‘दो साल पहले मैं सेमीफाइनल में हार गई थी और पिछले साल मैं उपविजेता रही। इस बार मैं विजेता हूं इसलिए यह टूर्नमेंट मेरे लिए खूबसूरत है, क्योंकि मैंने सारे लीग मैच जीतने के बाद सेमीफाइनल और फाइनल भी जीते।’
पिछली बार इस टूर्नमेंट के फाइनल में हारने वाली सिंधु ने कहा कि फाइनल के दौरान उन्होंने कई बार एकाग्रता गंवाई। उन्होंने कहा, ‘यह अच्छा मैच था। कुल मिलाकर काफी रैली खेली गई। कभी कभी मैं पिछले साल के फाइनल के बारे में सोच रही थी लेकिन इसके बाद मैंने दोबारा मैच पर ध्यान लगाने का प्रयास किया।’
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)