जानिये, कैसे एक महीने के भीतर कोरोना के खतरे को लेकर अधिक गंभीर हुए भारतीय?
आईएएनएस/सी-वोटर के सर्वे में गुरुवार को यह बात सामने आई
नई दिल्ली : कोरोनावायरस महामारी के बढ़ते खतरे को लेकर भारतीयों Indians में गंभीरता बढ़ी है। संकट कितना अधिक है और इसे कितनी गंभीरता से लिए जाने की आवश्यकता है, इसको लेकर अधिकांश Indians में तेजी देखी जा रही है। आईएएनएस/सी-वोटर के सर्वे में गुरुवार को यह बात सामने आई। ‘मेरा मानना है कि कोरोनावायरस से खतरा अतिशयोक्तिपूर्ण है’, कुल 54.4 प्रतिशत उत्तरदाताओं का कहना है कि यह कथन गलत है या वे इस कथन से दृढ़ता से असहमत हैं। वहीं 37.9 प्रतिशत का कहना है कि वह इस अभिकथन से सहमत हैं।
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38.4 प्रतिशत ने कहा खतरा बेहद गंभीर
38.4 प्रतिशत Indians ने कहा कि वे खतरे को बेहद गंभीरता से देखते हैं, जबकि 16 प्रतिशत ने कहा कि वे बस इसे सिर्फ गंभीर मानते हैं। उन्होंने क्रमश: बयान से ‘दृढ़ता से असहमत’ और ‘सिर्फ असहमत’ होने की बात कही।
इस बीच, 23.4 प्रतिशत उत्तरदाता Indians ने अत्यधिक आत्मसंतुष्टि दिखाई, जो दृढ़ता से इस बात से सहमत हैं कि वायरस से खतरा वास्तव में अतिशयोक्तिपूर्ण है। वहीं, सिर्फ 14.5 फीसदी ने कहा कि वे बयान से सिर्फ सहमत हैं।
सर्वे में 16 मार्च से लेकर 21 अप्रैल के बीच का समय लिया गया है।
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कोविड-19 के खतरे के प्रति सचेत
पिछले एक महीने में, अधिक से अधिक Indians कोविड-19 के खतरे के प्रति सचेत हुए हैं। उदाहरण के लिए 16 मार्च को ट्रैकर के शुरू होने के समय सिर्फ 21.3 प्रतिशत ने कहा कि वे इस कथन से ‘असहमत’ हैं कि वायरस का खतरा अतिशयोक्तिपूर्ण है। हालांकि, एक महीने से अधिक समय के बाद 21 अप्रैल को यह संख्या 38.4 प्रतिशत हो गई।
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