भारतीय विध्वंसक युद्धपोत INS मोरमुगाओ के निशाने से बढ़ी पड़ोसी देशों की चिंता

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लखनऊ : भारत की नवीनतम गाइडेड-मिसाइल डिस्ट्रॉयर आईएनएस (INS) मोरमुगाओ ने अपनी पहली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल फायरिंग के दौरान टारगेट पर सफलतापुर्वक निशाना साधा है। स्वदेशी तौर पर निर्मित जहाज और उसके शक्तिशाली हथियार भारत नौसेना की मारक समक्षा और आत्मनिर्भरता को प्रदर्शित करता है। आईएनएस मोरमुगाओ का डिजाइन भारतीय नौसेना के स्वदेशी संगठन ने तैयार किया है। इसका निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड मुंबई ने किया है।

आईएनएस मोरमुगाओ के निशाने ने मचाई खलबली

भारत अब पानी के रास्ते ही चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मनों के घर मिनटों में आग लगा सकता है। दरअसल, रविवार को भारतीय नौसेना ने अपने खतरनाक युद्धपोत आइएनएस मोरमुगाओ (D67) विध्वंसक से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण करके दुश्मनों में खलबली मचा दी है। INS मोरमुगाओ (D67) विध्वंसक का पहला पहला ब्रह्मोस परीक्षण था। आइएनएस मोरमुगाओ विध्वंसक ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल फायरिंग के साथ एक लक्ष्य को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया।

INS भारत का सबसे विध्वंसक विस्फोटक युद्धपोत

यह स्वदेशी और भारत के खतरनाक युद्धपोतों में से एक है। INS मोरमुगाओ नौसेना का सबसे शक्तिशाली विध्वंसक है। यह 30 समुद्री मिल की अधिक गति से भी चल सकता है। INS मोरमुगाओ ब्रह्मोस और बराक-8 जैसी मिसाइलों से लैस है। इसमें इजराइल का रडार एमएफ-स्टार लगा है, जो हवा में लंबी दूरी के लक्ष्य का पता लगा सकता है। 127 मिलीमीटर गन से लैस INS मोरमुगाओ 300 किलोमीटर दूर से लक्ष्य को निशाना बनाने में भी सक्षम है। इस पर AK-630 एंटी मिसाइल गन सिस्टम लगा है। साथ ही यह एंटी सबमरीन रॉकेट लांचर से भी लैस है।

INS परमाणु के साथ जैविक-रसायनिक युद्ध लड़ने में सक्षम

इसकी खास बात ये है कि आईएनएस मोरमुगाओ परमाणु, जैविक और रासायनिक युद्ध लड़ने में सक्षम है। इसे शक्तिशाली चार गैस टर्बाइन से गति मिलती है, जो सीओजीएजी पैमाने के हैं। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, आईएनएस मोरमुगाओ (INS Mormugao) ब्रह्मोस और बराक-8 जैसी मिसाइलों से लैस है। इससे हिंद सागर में भारतीय नौसेना की पहुंच बढ़ेगी, साथ ही समुद्री सीमाओं की सुरक्षा और चाकचौबंद होगी।

भारतीय सेना के लिए काम करता है INS मोरमुगाओ

INS मोरमुगाओ युद्धपोत ब्रह्मोस रूस की P-800 ओकिंस क्रूज मिसाइल टेक्नोलॉजी पर आधारित है। इस मिसाइल को भारतीय सेना के तीनों अंगों, आर्मी, नेवी और एयरफोर्स को सौंपा जा चुका है। वर्तमान में यह भारतीय सेना के लिए काम करता है।

हवा की गति से चलता है आईएनएस मोरमुगाओ

इस शानदार पोत की की लंबाई 163 मीटर, चौड़ाई 17 मीटर व इसका वजन 7400 टन है। इसके साथ ही इसे भारत द्वारा निर्मित सबसे घातक युद्धपोतों में गिना जा सकता है। पलक झपकते ही ये 30 समुद्री मील तक की गति पकड़ सकता है।

पनडुब्बी से ब्रह्मोस मिसाइल को पानी के अंदर 40-50 मीटर की गहराई से छोड़ा जा सकता है। पनडुब्बी से ब्रह्मोस मिसाइल दागने की टेस्टिंग 2013 में हुई थी।

पुराने बंदरगाह के नाम पड़ा मोरगुमाओ नाम

इस युद्धपोत को गोवा के ऐतिहासिक बंदरगाह मोरमुगाओ का नाम दिया गया है। 2021 में 19 दिसंबर को इसे समुद्र में उतारा गया था। ये वहीं दिन था, जब गोवा को पुर्तगाली शासन से आजादी मिली थी और इसे 60 साल पूरे हुए थे।

 

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