अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया में भारतीय सेना ने किये बदलाव, अब उम्मीदवारों को करने होंगे ये काम
भारतीय सेना ने अग्निपथ योजना के तहत सेना में चयन होने वाले अग्निवीरों की भर्ती प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है. यह नया भर्ती नियम 2023-24 में होने वाली भर्ती पर लागू होगा. नये नियमों के अंतर्गत, जो नये उम्मीदवार सेना में शामिल होना चाहते हैं तो पहले उन्हें ऑनलाइन कॉमन एंट्रेंस एग्जामिनेशन (सीईई) से गुजरना होगा. ऑनलाइन लिखित परीक्षा देने के बाद उम्मीदवार को शारीरिक और चिकित्सीय परीक्षण देना होगा. हालांकि, अभी तक सबसे पहले शारीरिक परीक्षण होता था और उसमें सफल उम्मीदवारों को चिकित्सीय परीक्षण के लिए बुलाया जाता था.
200 सेंटर निर्धारित…
अप्रैल, 2023 में पहला सीईई होगा, जिसके लिए करीब 200 सेंटर निर्धारित किए गए हैं. इसके लिए भारतीय सेना ने सभी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है. ऑनलाइन आवेदन फरवरी, 2023 के मध्य से शुरू होंगे. इच्छुक उम्मीदवार एक महीने तक ऑनलाइन आवेदन भर सकेंगे.
3 चरणों में जानें भर्ती प्रक्रिया के नये नियम…
नयी भर्ती प्रक्रिया की जानकारी के लिए भारतीय सेना ने विभिन्न समाचार पत्रों में प्रक्रिया में बदलाव के संबंध में विज्ञापन दिए हैं. जिसमें सेना में भर्ती होने वाले जवानों के लिए 3 चरणों की जानकारी दी गई है.
पहले चरण में ऑनलाइन कॉमन लिखित परीक्षा होगी. दूसरे चरण में लिखित परीक्षा में सफल उम्मीदवारों को बुलाया जाएगा और उनका शारीरिक परीक्षण होगा. तीसरे चरण में उम्मीदवारों को चिकित्सीय परीक्षण देना होगा. इन तीनों चरणों में पास होने वाले उम्मीदवारों की मेरिट लिस्ट बनाई जाएगी. इसके बाद आर्म्स एंड सर्विस का आवंटन होने के बाद डॉक्यूमेंटेशन और आखिर में चयन हुए उम्मीदवारों को ट्रेनिंग सेंटर पर रिपोर्ट करना होगा.
इसलिए हुआ नियमों में बदलाव…
भारतीय सेना में अग्निपथ योजना के तहत पहली बार अग्निवीरों की भर्ती वर्ष 2022 में हुई थी. अग्निवीरों के पहले बैच की ट्रेनिंग देश के अलग-अलग राज्यों में जारी है. कोरोना वायरस के चलते लंबे समय के बाद भर्ती का आयोजन किया गया था. अग्निवीरों की पहली भर्ती में बड़ी संख्या में उम्मीदवार शामिल हुए थे. इसमें शामिल उम्मीदवारों की संख्या 5 हजार से लेकर 1.5 लाख तक पहुंच गई थी. सेना भर्ती में प्रक्रिया में बदलाव का बड़ा कारण भर्ती रैलियों में अधिक उम्मीदवारों का शामिल होना माना जा रहा है. जिससे भर्ती रैली में शामिल होने वाली भीड़ को कुछ हद तक कम किया जा सके.
बता दें जनवरी में ही 2600 अग्निवीरों के पहले जत्थे का महाराष्ट्र में नासिक के पास स्थित आर्टिलरी ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण शुरू हो गया है. इन अग्निवीरों को भारतीय सेना में तोपची, तकनीकी सहायक, रेडियो ऑपरेटर और चालक के रूप में सेवा करने का मौका मिलेगा. इन अग्निवीरों का प्रशिक्षण 31 सप्ताह का होगा, जिसमें 10 सप्ताह तक बुनियादी प्रशिक्षण दिए जाएंगे और 21 सप्ताह उन्नत प्रशिक्षण के लिए होंगे.
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