आज के ही दिन अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में घुसी थी भारतीय सेना, यहां जाने ऑपरेशन ब्लू स्टार की पूरी कहानी

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वैसे तो हर दिन का अपना कोई न कोई इतिहास होता है और हर तारीख उससे जुड़ी होती है. ऐसे ही 5 जून का एक इतिहास है जिसकी अपनी एक अहम कहानी है. दरअसल, आज की तारीख में ही भारतीय सेना ने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर परिसर में छिपे आतंकवादियों को निकालने के लिए ऑपरेशन ब्लू स्टार को अंजाम दिया था. उस समय भारत की पूर्व पीएम इंदिरा गांधी थीं, जो देश के सबसे खुशहाल राज्य पंजाब को आतंकवाद के दंश से छुटकारा दिलाना चाहती थीं.

क्या था ऑपरेशन ब्लू स्टार? क्यों सिखों की भावनाएं हुईं थीं आहत? - what is operation  blue star

इंदिरा गांधी ने सख्त कदम उठाते हुए खालिस्तान के प्रबल समर्थक जरनैल सिंह भिंडरावाले का खात्मा करने तथा सिखों की आस्था के पवित्रतम स्थल स्वर्ण मंदिर को आतंकवादियों से मुक्त करने के लिए ऑपरेशन ब्लू स्टार अभियान चलाया. समूचे सिख समुदाय ने इसे हरमंदिर साहिब की बेअदबी माना और इंदिरा गांधी को अपने इस कदम की कीमत अपने सिख अंगरक्षक के हाथों जान गंवाकर चुकानी पड़ी थी.

आतंकियों को निकालने के लिए भारतीय सेना ने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर किया था प्रवेश, पढ़ें ऑपरेशन ब्लू स्टार की कहानी

बता दें 6 जून, 1984 को स्वर्ण मंदिर परिसर में छिपे आतंकियों को बाहर निकालने के लिए ऑपरेशन ब्लूस्टार तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी द्वारा अमृतसर में हरमंदिर साहिब कॉम्प्लेक्स में कराया गया था. इस ऑपरेशन में कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी और स्वर्ण मंदिर का कुछ हिस्सा भी क्षतिग्रस्त हो गया था. ऑपरेशन ब्लूस्टार के बाद पीएम इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या कर दी गई थी.

इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दंगे भड़क गए थे, जिनमें लगभग 3 हजार से ज्यादा सिख मारे गए थे. ऑपरेशन ब्लू स्टार में कुल 493 जानें गईं. इस ऑपरेशन में सेना के 4 अफसरों समेत 83 जवान शहीद हुए. वहीं, जवानों सहित 334 लोग गंभीर रूप से घायल हुए. पूर्व सेना अधिकारियों ने ऑपरेशन ब्लू स्टार की आलोचना करते हुए इसे गलत योजना का नमूना बताया था.

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