चीन पाक को झटका, भारत बनाएगा सामरिक सीमा पर 44 सड़कें
भारत के एक फैसले से चीन और पाकिस्तान की परेशानी बढ़ सकती है। दोनों पड़ोसी देशों की सीमा पर चौकसी को मजबूत करने और जरूरत पर तत्काल कार्रवाई करने के लिए समय पर पहुँचने के लिए चीन सीमा पर सरकार 44 सड़कें बनाने की तैयारी में है। इन सड़कों की लंबाई 2,100 किलोमीटर के करीब होगी। इसके अलावा सरकार पाकिस्तान से लगे पंजाब और राजस्थान के इलाकों में 2100 किमी लंबे मुख्य और संपर्क मार्ग का भी निर्माण करेगी। ये सड़कें भारत के लिए रणनीतिक तौर पर काफी अहम होंगी।
सीपीडब्ल्यूडी की रिपोर्ट में सड़कें बनाए जाने का जिक्र:
इस महीने जारी हुई केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने भारत-चीन सीमा पर रणनीतिक लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण 44 सड़कों के निर्माण का आदेश दिया है। इन सड़कों के निर्माण का मकसद यह है कि किसी भी संघर्ष की स्थिति में सेना की तुरंत तैनाती हो सके। ऐसे में इन सड़कों का निर्माण रणनीतिक लिहाज से चीन के मुकाबले बढ़त हासिल करने में महत्वपूर्ण साबित होगा।
2,100 किलोमीटर लंबी होगी सड़कें:
भारत और चीन के बीच करीब 4,000 किमी की वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) जम्मू-कश्मीर से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक के इलाकों से गुजरती है। सीपीडब्ल्यूडी की यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है, जब चीन भारत से सटे इलाकों में विभिन्न परियोजनाओं को प्राथमिकता दे रहा।
डोकलाम विवाद में भारत और चीन आमने सामने:
पिछले साल डोकलाम में सड़क निर्माण को लेकर भारत और चीन के सैनिक आमने सामने आ गए थे। 73 दिनों चला यह विवाद 28 अगस्त को समझौते के बाद खत्म हुआ था। इसके बाद चीन ने यहां सड़क निर्माण का काम रोक दिया था।
21 हजार करोड़ की लागत का होगा सड़क निर्माण:
रिपोर्ट के मुताबिक, 44 सड़कों को बनाने में करीब 21 हजार करोड़ की लागत आएगी। ये सड़कें पांच राज्यों जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश में बनेंगी। प्रोजेक्ट रिपोर्ट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीएसएस) से मंजूरी मिलना बाकी है।
वहीं सीपीडब्ल्यूडी की रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान और पंजाब में 5,400 करोड़ की लागत से सड़कों का निर्माण किया जाएगा। राजस्थान में 945 किलोमीटर मुख्य और 533 किलोमीटर संपर्क मार्ग बनाए जाएंगे। जबकि पंजाब में 482 किलोमीटर मुख्य और 219 किलोमीटर संपर्क मार्ग बनाए जाएंगे।