21 दिन में वापस लौटा ‘TikTok’

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मद्रास हाई कोर्ट ने चीनी सोशल मीडिया मोबाइल ऐप टिकटॉक से प्रतिबंध हटा दिया है। साथ ही आदेश भी दिया कि इस मंच का उपयोग अश्लील वीडियो के लिए नहीं होना चाहिए।

उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने चेतावनी दी कि अगर इस ऐप के जरिए पोस्ट किए गए किसी विवादास्पद वीडियो से शर्तों का उल्लंघन होता है तो इसे अदालत की अवमानना माना जाएगा।

न्यायमूर्ति एन किरूबाकरन और न्यायमूर्ति एस एस सुंदर की पीठ ने उच्चतम न्यायालय के आदेशों के अनुसार मामले की सुनवाई की।

उच्च न्यायालय ने तीन अप्रैल को केंद्र को मोबाइल ऐप टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया था। इस ऐप का उपयोग छोटे वीडियो बनाने के लिए किया जाता है।

इस बात को लेकर चिंता जतायी गयी थी कि ऐसे ऐप के जरिए “अश्लील सामग्री” उपलब्ध करायी जा रही है।

इस याचिका पर आया फैसला-

टिक-टॉक पर बैन का फैसला तब आया था जब एक व्यक्ति ने इस पर प्रतिबंध के लिए एक जनहित याचिका दायर की थी।

अपने बैन के आदेश में मद्रास हाई कोर्ट ने कहा था कि टिक-टॉक एप के इस्तेमाल करने वाले ज्यादातर युवा और किशोर वर्ग के लोग हैं जिसके वो आदी होते जा रहे हैं।

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