भारत और चीन के बीच 12 घंटे तक चली बात, नहीं निकल सका कोई नतीजा

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पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद को हल करने के लिए भारत और चीनी सैन्य अधिकारियों के बीच 12 घंटे तक बातचीत चली। सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी। सुबह 10.30 बजे शुरू हुई बैठक मंगलवार रात के 11 बजे समाप्त हुई।

दोनों पक्षों के बीच यह बैठक चुशूल में हुई हालांकि मिली जानकारी के मुताबिक, इसका कोई प्रभावी नतीजा सामने निकलकर नहीं आया है। यह दोनों पक्षों के बीच हुई तीसरी बैठक है। कॉर्प कमांडर स्तर पर पिछली दो बैठकें 6 जून और 22 जून को हुई थीं।

मंगलवार को इस बैठक का आयोजन भारत की तरफ चुशूल में किया गया जबकि पहले की दो बैठकें चीन की तरफ मोल्डो में हुई थी। सूत्र के मुताबिक, मौजूदा गतिरोध के दौरान सभी विवादास्पद क्षेत्रों में स्थिति को स्थिर करने की दिशा में चचार्एं हुईं।

इस बात पर बनीं आपसी सहमति-

India, China military-level talks end on positive trajectory.

चीन पैंगॉन्ग स्तो में वापस लौटने के लिए तैयार हो गया था, लेकिन वह गए नहीं। भारत ने फिंगर 8 पर वास्तविक नियंत्रण रेखा का दावा किया और चीनी फिंगर 4 और 5 प्वॉइंट एस के बीच बैठे हैं। देपसंग और देमचोक में इसी तरह की भिन्नता है।

22 जून को भी बातचीत लगभग 11 घंटे तक चली और दोनों पक्षों के बीच एक आपसी सहमति भी बनी। भारतीय सेना ने कहा था कि पूर्वी लद्दाख में सभी विवादास्पद क्षेत्रों से पीछे हटने की बात पर चर्चा की गई थी।

बैठक में जहां भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने किया, वहीं चीनी पक्ष का नेतृत्व तिब्बत सैन्य जिला के मेजर जनरल लियु लिन ने किया। इस दौरान गलवान घाटी पर हुए हमले पर भी बात की गई थी, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हुए हैं।

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