डोकलाम पर ‘हिंदुस्तान’ का ‘डंका’
डोकलाम क्षेत्र से भारत और चीन की सेनाएं हटाई जायेंगी। विदेश मंत्रालय से जारी एक बयान में कहा कि डोकलाम के विवादित क्षेत्र से भारत और चीनी सेना हटाने को लेकर आपसी सहमति जताई है।आपको बता दे कि जून माह से लगातार भारत और चीन के बीच तनातनी बनी है। दोनो तरफ से लगातार अपनी अपनी सेनाएं हटाएं जाने का दबाव बनाया जा रहा था, लेकिन कोई पीछे हटने को तैयार नहीं था।
विदेश मंत्रालय ने जारी बयान में कहा, “हम अपने विचारों को व्यक्त करने एवं अपनी चिंताओं और हितों को साझा करने में सक्षम हो सके।
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ब्रिक्स सम्मेलन से पहले सेनाओ को हटाने पर बनी सहमति
“बयान के मुताबिक, “इस आधार पर डोकलाम पर सेनाओं को हटाने पर सहमति बनी है, जो जारी है।”चीन में सितंबर में होने जा रहे ब्रिक्स सम्मेलन से पहले दोनों देशों के बीच सेनाओं को हटाने पर सहमति बनी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा ले सकते हैं। बता दें कि चीन कई बार इस मामले पर भारत को धमकी भी दे चुका था।
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अब भारत ने चीन को अपनी सेना पीछे हटाने पर मजबूर कर दिया। इस विवाद में भारत को जापान और अमेरिका का साथ मिला था। जापान ने कहा था कि चीन इस मुद्दे पर ‘बिना सोचे-समझे’ बयानबाजी करने से बाज आए तो वहीं अमेरिका ने कहा था कि वह चाहता है कि डोकलाम में चल रहे गतिरोध पर भारत और चीन आपस में बातचीत करें।
16 जून से चल रहा है विवाद
भूटान में 89 स्कावयर किलोमीटर का इलाका है डोकलाम। रणनीतिक तौर पर तीनों देशों के लिए ये काफी अहम है। चीन डोकलाम पर अपना दावा ठोंकता रहा है जबकि भूटान उसे अपना हिस्सा मानता है। मित्र देश होने के नाते भूटान की सुरक्षा के लिए भारतीय सेनाएं डोकलाम में मौजूद रहती हैं।
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चीन ने हाल ही में डोकलाम में सड़क बनानी शुरू की, भारतीय सेना ने इसका विरोध किया और इसके बाद विवाद शुरू हो गया। चीन को ये बर्दाश्त नहीं हो रहा कि जब विवाद चीन और भूटान के बीच है तो उसमें भारत सीधे तौर से दखलअंदाजी क्यों कर रहा है। 16 जून से भारत और चीन की सेना के बीच गतिरोध जारी था जो अब खत्म हो गया है।
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