खबरदार….चरण स्पर्श करना मना है
यूपी के एक शिक्षा अधिकारी लोगों के पैर छूने की परंपरा से आजिज आ गए हैं। ऐसे में अब इससे निजात पाने के लिए उन्होंने बकायदा एक नोटिस निकालकर आगंतुकों को कार्यालय आने पर किसी के पैर नहीं छूने का निर्देश जारी किया है। मामला बहराइच के जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) कार्यालय से जुड़ा है। डीआईओएस के आदेश के बाद कार्यालय के बाहर यह नोटिस चस्पा कर दिया गया है।
आशीर्वाद के बजाए लोग दंड के भागीदार हो सकते हैं
उधर, डीआईओएस की तरफ से जारी यह नोटिस सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है और इस पर लोगों की तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं।डीआईओएस राजेंद्र कुमार पांडेय का कहना है कि चेहरे पर झूठी मुस्कान और अभिवादन के नाम पर पैर के बजाय घुटने छूने की परंपरा आम हो चुकी है, जो सर्वथा गलत है। ऐसे में अब उन्होंने चरण स्पर्श पर प्रतिबंध लगाते हुए यह नोटिस जारी किया है। नोटिस के अनुसार कार्यालय के किसी कर्मचारी या अधिकारी का चरण स्पर्श करना अब निषेध है। ऐसा करने पर आशीर्वाद के बजाए लोग दंड के भागीदार हो सकते हैं। बता दें कि डीआईओएस पांडेय अपने कदम से हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। गिरिजापुरी स्थित सिंचाई विभाग के शारदा सहायक परियोजना इंटर कॉलेज के हस्तांतरण का मामला हो या कॉलेजो में नियुक्तियों का मामला।
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बोर्ड परीक्षा केंद्रों के निर्धारण के मामले में भी डीआईओएस चर्चा में खूब रहे हैं।इन दिनों महसी तहसील में बोर्ड परीक्षा के दौरान परीक्षार्थियों से बात करते हुए दो शिक्षकों पर केस दर्ज कराने का मामला भी जिले में खूब गर्माया हुआ है। शिक्षकों पर कार्रवाई के बाबत भी कार्यालय में नोटिस चस्पा है। लेकिन इसी के साथ पैर न छूने की नोटिस पर जिले में खूब चर्चा हो रही है। दरअसल, डीआईओएस कार्यालय पहुंचने वाले लोग पैर छूने की खूब परंपरा निभाते हैं। कई बार तो डीआईओएस अपनी गाड़ी से उतर भी नहीं पाते हैं और लोग भीड़ लगाकर अभिवादन में जुट जाते हैं।
लोग पैर नहीं छूते, सिर्फ घुटना स्पर्श करते हैं
वहीं कार्यालय में पहुंचने पर भी चरण छूने की परंपरा में डीआईओएस का काफी समय बर्बाद होता था। इससे तंग आकर डीआईओएस ने यह निर्देश दिए हैं। हमारे सहयोगी अखबार एनबीटी ने बातचीत में डीआईओएस ने कहा, ‘लोग अपना काम निकालने के लिए चेहरे पर झूठी मुस्कान लिए चरण स्पर्श करते हैं। लोग पैर नहीं छूते, सिर्फ घुटना स्पर्श करते हैं। कुछ मेरा व्यक्तित्व भी ऐसा है, जिसके प्रभाव में आकर पैर छूते हैं। लेकिन ये सब गलत है।
अधिकारियों के चरण स्पर्श पर निषेध लगाया गया है
इसी परंपरा को खत्म करने के लिए कार्यालय में पैर छूने पर प्रतिबंध लगाया गया है।’ डीआईओएस ने कहा, ‘नोटिस के अनुसार सिर्फ मेरा पैर छूना मना नहीं किया गया है, बाकी अन्य कर्मचारियों व अधिकारियों के चरण स्पर्श पर निषेध लगाया गया है। यह आदेश सिर्फ चाटुकारिता की परंपरा को खत्म करने के लिए कार्यालय में प्रभावी किया गया है, लेकिन कुछ शिक्षकों ने इसे हास्यास्पद बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है।’
NBT
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