SC/ST एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बदलने के लिए अध्यादेश लाएगी मोदी सरकार

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SC/ST एक्ट को लेकर घिरी मोदी सरकार अब बड़ा फैसला लेने वाली है। एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बदलने के लिए केंद्र सरकार जल्द ही अध्यादेश ला सकती है। इस अध्यादेश को लाने के बाद सरकार इसे विधेयक के रूप में संसद में पेश करेगी। बताया जा रहा है कि विधेयक के जरिए ही इसे संविधान की नौवीं अनुसूची के दायरे में लाया जाएगा, ताकि इसे न्यायिक चुनौती देने के सभी रास्ते बंद हो जाएं।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर केंद्र सरकार ने अभी पुनर्विचार याचिका डाली

16 मई को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई होनी है, सरकार अध्यादेश पर इसके बाद ही फैसला ले सकती है। गौरतलब है कि SC/ST एक्ट में गिरफ्तारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर केंद्र सरकार ने अभी पुनर्विचार याचिका डाली हुई है। पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा था कि कोर्ट इस तरह नया कानून नहीं बना सकता।

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ये उसका अधिकार क्षेत्र नहीं है। संविधान ने न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका के अधिकारों का बंटवारा किया है। अटॉर्नी जनरल ने कहा कि कोर्ट के इस आदेश के बाद 200 से ज़्यादा वर्षों से दलित लोगों के आत्मविश्वास पर असर पड़ा है। सुनवाई के दौरान ही कोर्ट अपने कड़े रुख पर कायम रहा था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि SC/ST एक्ट में FIR से पहले अफसर संतुष्ट हों कि किसी को झूठा तो नहीं फंसाया जा रहा है। जरूरत पड़ने पर ही गिरफ्तारी की जाए। केंद्र सरकार के बयान पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाते हुए कहा कि अगर इस देश में जीने के अधिकार को कोर्ट लागू नहीं करेगा तो कौन करेगा?

तुरंत गिरफ्तारी पर रोक लगाने को कहा था

क्यों कोर्ट अपने अधिकार का इस्तेमाल कर जीने के अधिकार को लागू नहीं कर सकता?आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक निर्णय में एससी/एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामले में तुरंत गिरफ्तारी पर रोक लगाने को कहा था। जिसके बाद दलित संगठनों और नेताओं ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया था। पुनर्विचार याचिका की सुनवाई में भी कोर्ट ने कहा था कि जो लोग विरोध कर रहे हैं उन्होंने हमारा आदेश नहीं पढ़ा है।

शीर्ष अदालत ने अपने फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही दलित संगठनों ने दो अप्रैल को भारत बंद बुलाया था। इस भारत बंद में काफी हिंसा हुई थी और कुछ लोगों की मौत भी हुई थी। इसके अलावा भी लगातार विपक्ष ने भी मोदी सरकार को घेरा था।

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