तीन युवाओं ने चाय बिजनस में लिखी नई इबारत

0

गुजरात की राजनीतिक बहसों में ‘चायवाला’ इस समय बेहद प्रासंगिक शब्द है। बल्कि यूं कहें कि नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद से ‘चायवाला’ शब्द को एक अलग पहचान मिली है। आज गुजरात के साथ ही पूरे देश में ‘चायवाला’ पर चर्चा आम है। ऐसे में कुछ युवा इस ‘चायवाला’ टैग के जरिए अपने भविष्य को संवारने में भी जुटे हैं।
राहुल का मोदी से सवाल- 22 साल में गुजरातियों पर 26 गुना कैसे बढ़ गया कर्ज?
आज चाय बेचकर न सिर्फ वे अपना गुजारा कर रहे हैं बल्कि धीरे-धीरे चाय बेचने की इस विधा को एक बड़े बिजनस के रूप में तब्दील कर रहे हैं। ऐसी ही एक कहानी है राजकोट  के दो भाइयों की, जिन्होंने अपने एक दोस्त के साथ मिलकर चाय के बिजनस में सफलता की नई इबारत लिखी है। तीनों दोस्तों ने मिलकर राजकोट में ‘खेतला आपा’ टी स्टॉल की शुरुआत की। आज ये राजकोट से निकलकर अहमदाबाद, वडोदरा सहित गुजरात के कई शहरों में फैल रहे हैं।
खेतला आपाके 60 से अधिक टी स्टॉल्स 
आज अहमदाबाद, वडोदरा और अलग-अलग हाइवे पर ‘खेतला आपा’ के 60 से अधिक टी स्टॉल्स हैं। 1990 में इस टी स्टॉल का सपना देखा था दो भाइयों सामत और विक्रम ने। अपने तीसरे साथी नरेंद्र गढ़वी के साथ मिलकर तीनों ने राजकोट की एक छोटी सी गली में इस टी स्टॉल की नींव रखी। लेकिन कुछ ही दिन में स्टॉल की आमदनी तेजी से बढ़ी और फिर काउंटर बढ़ते गए। टी स्टॉल्स की संख्या बढ़ती गई।
1980 के आसपास इनके पिता ने राजकोट में दूध बेचने की शुरुआत की थी। बाद में उन्होंने चाय की स्टॉल खोली। धीरे-धीरे उनका टी स्टॉल काफी लोकप्रिय हो गया। लोग कटिंग चाय पीने के लिए उनके स्टॉल पर पहुंचते। रोजाना करीब 50 हजार रुपये तक की बिक्री सिर्फ चाय से होने लगी तो दोनों भाइयों की रुचि चाय के बिजनस में बढ़ी। और फिर 1990 में दोनों भाइयों ने चाय का बिजनस बढ़ाना शुरू किया।
अलग-अलग स्वाद में चाय उपलब्ध 
सामत भाई बताते हैं, लोग हमारे टी स्टॉल तक इसलिए पहुंचते हैं कि हमारे यहां अलग-अलग स्वाद में चाय उपलब्ध है। ‘खेतला आपा’ का स्वाद कहीं और नहीं मिलेगा। सामत भाई ने बताया कि जब दोनों भाई अपने टी स्टॉल को दूसरे शहरों में खोलने के लिए आगे बढ़े तभी उनकी मुलाकात गढ़वी से हुई। गढ़वी का दिमाग बिजनस में बहुत तेज चलता है। हालांकि वह स्कूल ड्रापआउट हैं। गढ़वी ने कहा कि हर कोई आज ब्रैंड के पीछे भागता है, ऐसे में हमें भी अपने टी स्टॉल को एक ब्रैंड के रूप में उभारना होगा।
कार्यालयों के आसपास करीब 2.5 लाख टी स्टॉल्स हैं
आज तीनों दोस्तों की मेहनत का नतीजा है कि ‘खेतला आपा’ टी स्टॉल ने ग्राहकों के दिलों में अपने लिए विशेष घर बना लिया है। आज चाय की चुस्की के साथ गुजरात की फेमस गांठिए का स्वाद भी लोगों को यहां मिलता है। सामत और गढ़वी का दावा है कि वे चाय बनाने के लिए अमूल से भी गाढ़ा दूध का प्रयोग करते हैं। गढ़वी ने बताया कि एक अनुमान के मुताबिक करीब रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंड और सरकारी कार्यालयों के आसपास करीब 2.5 लाख टी स्टॉल्स हैं। अब तीनों दोस्तों की निगाहें चाय के इस तेजी से बढ़ रहे बाजार में अधिक से अधिक हिस्सा अपने लिए बनाना है। हां, पर उनका दावा है कि वे कभी अपनी क्वालिटी से समझौता नहीं करेंगे।
(साभार – एनबीटी)

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More