शेयर बाजारों में मामूली तेजी
बीते सप्ताह शेयर बाजारों में मामूली तेजी देखी गई। साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स 15.53 अंकों या 0.04 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 32,325.41 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 51.90 अंकों या 0.51 फीसदी की तेजी के साथ 10,066.40 पर बंद हुआ। मिडकैप सूचकांक में 0.7 फीसदी और स्मॉलकैप सूचकांक में 0.89 फीसदी की तेजी आई।
सोमवार को शेयर बाजार की सकारात्मक शुरुआत हुई और सेंसेक्स 205.06 अंकों या 0.63 फीसदी की तेजी के साथ 32,514.94 पर बंद हुआ। मंगलवार को सेंसेक्स 60.23 अंकों या 0.19 फीसदी की तेजी के साथ 32,575.17 पर बंद हुआ।
बाजार में तेजी वापस लौटी
बुधवार को बाजार में गिरावट आई और सेंसेक्स 98.43 अंकों या 0.3 फीसदी की गिरावट के साथ 32,476.74 पर बंद हुआ। गुरुवार को एक बार फिर गिरावट आई और सेंसेक्स 238.86 अंकों या 0.74 फीसदी की गिरावट के साथ 32,237.88 पर बंद हुआ। शुक्रवार को बाजार में तेजी वापस लौटी और सेंसेक्स 87.53 अंकों या 0.27 फीसदी की तेजी के साथ 32,325.41 पर बंद हुआ।
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बीते सप्ताह सेंसेक्स के तेजी वाले शेयरों में प्रमुख रहे- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (2.09 फीसदी), विप्रो (0.14 फीसदी), मारुति सुजुकी (2.06 फीसदी), महिंद्रा एंड महिंद्रा (1.74 फीसदी), बजाज ऑटो (1.78 फीसदी), हीरो मोटोकॉर्प (9 फीसदी), एनटीपीसी (8.21 फीसदी), लार्सन एंड टूब्रो (1.52 फीसदी), टाटा स्टील (4.33 फीसदी), भारती एयरटेल (1.84 फीसदी) और पॉवर ग्रिड (5.07 फीसदी)।
सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे – इंफोसिस (1.25 फीसदी), ल्यूपिन (6.62 फीसदी), टाटा मोटर्स (2.51 फीसदी), एचडीएफसी (2.85 फीसदी) और कोल इंडिया (0.97 फीसदी)।
रेट में 25 आधार अंकों की कटौती
व्यापक आर्थिक आंकड़ों में बुधवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती की, जिसके बाद रेपो रेट 6.25 फीसदी से घटकर 6 फीसदी हो गई। इससे आवास ऋण समेत विभिन्न ऋणों के सस्ता होने का रास्ता साफ हो गया है।
जुलाई में तेज गिरावट दर्ज की गई …
मार्किट इकोनॉमिक्स के मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लागू होने तथा कमजोर मांग के कारण विनिर्माण उद्योग प्रभावित हुआ है। सीजनली समायोजित सेंसेक्स जुलाई के दौरान 45.9 पर रहा, जोकि जून में 53.1 पर था। इस सूचकांक में 50 से ऊपर का अंक आर्थिक गतिविधियों में विस्तार का तो 50 से नीचे का अंक मंदी का सूचक है। इसी प्रकार से सीजनली समायोजित निक्केई इंडिया कंपोजिट पीएमआई आऊटपुट सूचकांक में भी जुलाई में तेज गिरावट दर्ज की गई और यह 46 पर रही, जबकि जून में यह 52.7 थी।
जीएसटी के लागू होने तथा कमजोर मांग के कारण कारोबार प्रभावित
देश के सेवा क्षेत्र की गतिविधियां पिछले महीने साल 2013 के सितंबर से सबसे निचले स्तर पर आ गई हैं। प्रमुख व्यापक आर्थिक आंकड़ों से गुरुवार को यह जानकारी मिली। निक्केई इंडिया सर्विसेज पीएमआई बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स के आंकड़ों के मुताबिक वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लागू होने तथा कमजोर मांग के कारण कारोबार प्रभावित हुआ है।
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