…तो अब PM मोदी और CM योगी की लगेगी मूर्ति !
उत्तर प्रदेश के सभी भाजपा कार्यालयों में सीएम योगी की मूर्ति लगाएं जाने का फैसला लिया गया है। हालंकि अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक पुष्टी नहीं हुई है। आपको बता दें कि 5 जून को सूबे के सीएम योगी का जन्मदिन था। भाजपा के संगठन मंत्री सुनील बंसल और सीएम योगी के विशेष कार्याधिकारी अभिषेक कौशिक ने उन्हें जन्मदिन के तोहफे के रूप में योगी की मूर्ति दी थी। आने वाले समय में ये मूर्ति भाजपा के कार्यालयों में लगी दिखाई दे सकती है।
मूर्ति को इस कलाकार ने किया है डिजाइन
सीएम योगी को जो मूर्ति तोहफे में दी गई है उसे चित्रकुट के एक कलाकार ने डिजाइन किया है। ये मूर्ति दिखने में हूबहू सीएम योगी जैसी थी जिसमें वो भगवा कपड़े पहने थे। इन मूर्तियों ने खूब तारीफे भी बटोरी है। अब ये मूर्तियां भाजपा के कार्यालयों में सजी नजर आयेंगी।
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आपको बता दें कि केंद्र में मोदी सरकार के गठन के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी के विस्तार अभियान के तहत यूपी के हर जिले में पार्टी का दफ्तर बनाने का फैसला लिया था। यूपी में अब तक 75 में से 65 जिलों में दफ्तर के लिए या तो जमीन ली जा चुकी है या अपना कार्यालय बन चुका है। माना जा रहा है कि इन सभी दफ्तरों में पीएम मोदी और योगी की मूर्तियां लगाई जा सकती हैं। सरकारी
पैसे से नहीं खरीदी जाएगी मूर्ति’
सीएम के ओएसडी अभिषेक कौशिक ने ट्वीट करते हुए इसके साफ संकेत दिए हैं। साथ ही उन्होंने कहा है कि मूर्तियों को खरीदने पर कोई सरकारी खर्च वहन नहीं किया जाएगा। कौशिक ने ट्वीट किया, ‘उत्तर प्रदेश सरकार इसके लिए कोई रकम खर्च नहीं करेगी। हम बीजेपी कार्यकर्ताओं से अपील करेंगे कि वे इन्हें खरीदें।’इस मुद्दे पर बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी का कहना है, ‘यह यूपी के कलाकार की प्रतिभा है जो पार्टी के कार्यकर्ताओं को बहुत पसंद आई है। बहुत ही कम मूल्य की इन मूर्तियों को वे प्रेरणा के लिए खरीद कर रख सकते हैं या उपहार दे सकते हैं। मायावती की मूर्तियों से इनकी तुलना नहीं की जा सकती है, क्योंकि उनमें बड़े पैमाने पर सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ था।’
बीजेपी दफ्तरों में मूर्ति की परंपरा नहीं
आम तौर पर बीजेपी के दफ्तरों में मूर्तियां रखने की परंपरा नहीं है। पार्टी कार्यालयों में सामान्य रूप से दीनदयाल उपाध्याय और श्यामा प्रसाद मुखर्जी की तस्वीरें नजर आती हैं। इसके अलावा प्रेरणास्रोत महापुरुषों की तस्वीरें भी कार्यालय में दिखती हैं। ऐसे में अगर बीजेपी दफ्तरों में इन मूर्तियों को रखा जाता है, तो एक नई परिपाटी की शुरुआत हो सकती है।
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