बनारस में कहीं खिली धूप तो कहीं झमाझम हुई बारिश

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उत्तर प्रदेश के सभी शहरो में इस वक्त मानसून ने दस्तक दिया है. हालांकि बनारस में अभी भी बारिश अपेक्षा के मुताबिक कम हुआ है. आज यानि गुरुवार को काशी में इंद्र देव ने कृपा दृष्टि बनायी. बता दें कि शहर में कई हिस्सों में झमाझम बारिश हुई है. हालांकि कुछ इलाकों में बारिश नाम मात्र हुई तो कहीं एक बूद भी नही गिरा और धूप खिली रही.

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कचहरी, नदेसर में हुई बारिश तो महमूरगंज में हल्की बूंदाबांदी

बता दें कि शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग माहौल देखने को मिला. दोपहर 2 बजकर 30 मिनट के करीब नदेसर, कचहरी, अंधरापुल, चौकाघाट, मलदयिा और आसपास के इलाकों में झमाझम बारिश हुई. वहीं सिगरा क्षेत्र में 4 बजे के करीब बारिश शुरु हुई जबकि महमूरगंज की तरफ केवल हल्की बूंदाबांदी देखने को मिली. वहीं लंका क्षेत्र में हल्की धूप खिली रही. यही हाल सेवापुरी क्षेत्र का रहा, जहां दिनभर हल्की धूप खिली रही. हालांकि शाम होते-होते बादल आसमान में छाने लगे. मौसम का ऐसा हाल शहर के लोगो के बीच चर्चा का विषय बना रहा जबकि कई लोग इसका कारण प्रकृति का असंतुलन बता रहे हैं.

‘हीट अंब्रेला‘ के चलते नहीं हुई बारिश

वाराणसी और आसपास के क्षेत्रों में मौसम बाकी जिलों की तुलना में अब तक मेहरबान नहीं हुए हैं. कहीं छिटपुट तो कहीं हल्की बारिश से ही शहरवासियों को संतोष करना पड़ रहा है. अच्छी और लंबे समय तक तेज बारिश न होने के पीछे बीएचयू में मौसम विभाग के वैज्ञानिक प्रोफेसर ज्ञानप्रकाश सिंह ने वायुमंडल में बने ‘हीट अंब्रेला‘ को बड़ा कारण बताया. क्षेत्र की गर्मी अब तक वायुमंडल से रिलीज नहीं हो पाई है. उसके रिलीज न होने के पीछे वायुमंडल में बनी कार्बन डाई ऑक्साइड की मोटी परत है. वह धरती की गर्मी को ऊपर नहीं जाने दे रही है. इस अवरोध को मौसम विज्ञानी ‘हीट अंब्रेला‘ कहते हैं.

जून में बारिश को तरसे लोग

बनारस में पूरे जून महीने में बारिश नाम मात्र की हुई है. बादल आसमान में मौजूद जरूर रहे लेकिन मुकम्मल बारिश नहीं हो सकी. जून के शुरुआत के दिनों में तो नौतपा का कहर लोगों पर खूब बरसा. उसके बाद नौतपा 2.0 ने लोगों को खूब तपाया. हालांकि जून के आखिरी के हफ्ते में शहरवासियों को गर्मी से थोड़ी राहत मिली लेकिन उमस से लोगों को फिर झेलना पड़ा. प्री मानसून और मानसून की सक्रियता के बावजूद पूरे पूर्वांचल में जून में 52.3 मिली मीटर बारिश दर्ज की गई. जबकि जून में समान्य औसत का केवल 30 फीसदी ही बारिश हो सकी. अब लोगों को जूलाई महीने में बारिश होने की उम्मीद है.

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