यहां पुरुषों को दी जा रही है झाड़ू पोछा लगाने की ट्रेनिंग
नाइजर के एक गांव में करीब 20 पति स्कूल जाते हैं। अगर आप सोच रहे हैं कि वे किसी पढ़ाई या व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए जा रहे हैं तो आप गलत हैं। यहां पर पुरुषों को घरेलू कामकाज की ट्रेनिंग दी जा रही है।
घर के सारे कामकाज का बोझ पड़ जाता है
घरेलू कामों की मौलिक शिक्षा पुरुषों और महिलाओं को बराबर नहीं मिलती जिस वजह से महिलाओं पर ही घर के सारे कामकाज का बोझ पड़ जाता है। इस समस्या के निदान के लिए संयुक्त राष्ट्र ने नाइजर देश में पतियों के विद्यालय चालू किए। यूएन की इस पहल का काफी सकारात्मक असर देखने को मिल रहा है। 2011 में दक्षिणी नाइजर में करीब 137 हज्बैंड स्कूल खोले गए।
औसतन हर महिला करीब 7 बच्चों को जन्म देती है
2006 डीएचएस सर्वे के मुताबिक, नाइजर में 100,000 शिशु जन्म पर मातृ मृत्यु दर 648 है। अधिकतर महिलाएं घर पर ही बच्चों को जन्म देती हैं और कुछ ही महिलाएं गर्भनिरोधकों का इस्तेमाल करती हैं। यहां औसतन हर महिला करीब 7 बच्चों को जन्म देती है।
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ऐसे में नाइजर में घरेलू कामकाज और बच्चों का लालन-पोषण महिलाओं के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होता है। नाइजर के पति दुनिया के सबसे काबिल पतियों में बदलते जा रहे हैं। वो रोज खाना बनाना, झाड़ू-पोछा संभाल रहे हैं और इन कार्यों में व्यस्त रहने की वजह से जनसंख्या भी अब ढलान पर है।
एक आदमी जवाब देता है कि हम पानी ला सकते हैं
प्रशिक्षण ले रहे समूह में से एक आदमी पूछता है कि आप अपनी पत्नियों के लिए क्या कर सकते हैं? इस पर एक आदमी जवाब देता है कि हम पानी ला सकते हैं, घर साफ कर सकते हैं, महिलाएं लकड़ियां काटने जंगल जाती हैं, हम उन्हें रोक कर खुद ये काम कर सकते हैं।
जब महिलाओं के पास इतने सारे काम होते हैं तो हम उनकी मदद कर सकते हैं। महिलाएं जब खाना बना रही हों तो हम बर्तन और कपड़े धुल सकते हैं। साभार
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