‘शिक्षक दिवस’ पर प्रधानाध्यापकों का हुआ ‘सम्मान’
शिक्षा प्रदान करने के एक महान पेशे के प्रति सम्मान और शिक्षा के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देने के लिए आईएमए और एचसीएफआई ने शिक्षक दिवस पर दिल्ली व एनसीआर के 32 प्रधानाध्यापकों को सम्मानित किया। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) व हार्ट केअर फाउंडेशन के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल तथा आईएमए के मानद महासचिव डॉ. आर.एन. टंडन ने पुरस्कार प्रदान किए। इन स्कूलों एयर फोर्स बाल भारती स्कूल, महाराजा अग्रसेन पब्लिक स्कूल, डीएवी पब्लिक स्कूल और सरस्वती बाल मंदिर, प्रमुख थे।
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एक शिक्षक की भूमिका भी निभाए
आईएमए ने अपने द्वितीय ‘आओ स्कूल चले’ कार्यक्रम का दिल्ली और आसपास के विभिन्न स्कूलों में आयोजन किया। इस माह के लिए विषय है -युवावस्था मंे मोटापे से मुकाबला। इस अभियान में यह माना जा रहा है कि एक डॉक्टर भी शिक्षक है। चिकित्सक की जिम्मेदारी है कि समाज में अच्छी सेहत के बारे में वह लोगों को जागरूक बनाता रहे और एक शिक्षक की भूमिका भी निभाए।
चिकित्सक और शिक्षक सब से ऊपर है
डॉ. अग्रवाल तथा डॉ. टंडन ने एक संयुक्त वक्तव्य में कहा, “डॉक्टर शब्द लेटिन के डोसेरे से लिया गया है, जिसका अर्थ है सिखाना और बताना। एक डॉक्टर को भगवान का दूसरा रूप कहा जाता है। एक शिक्षक को भगवान से बढ़ कर बताया जाता है। तो चिकित्सक और शिक्षक का काम एक जैसा हुआ। एक चिकित्सक और शिक्षक सब से ऊपर है। इसलिए सभी चिकित्सकों को अपने आप को शिक्षक भी बने रहना चाहिए।”
डॉक्टर एक शिक्षक की भूमिका को निभा सकते हैं
डॉ. अग्रवाल ने आगे कहा, “एक चिकित्सक की जिम्मेदारी होती है तकनीकी बातों को आसान शब्दों में समझाना और रोगियों के साथ प्रभावी ढंग से संवाद करना। इस प्रकार, चिकित्सा शिक्षा में डॉक्टरों को अच्छे से अपनी बात कहने का प्रशिक्षण भी दिया जाना चाहिए। आओ स्कूल चले अभियान के जरिये भी डॉक्टर एक शिक्षक की भूमिका को निभा सकते हैं।”
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