आईआईटी (बीएचयू) बना आईसीएमआर सहयोगी उत्कृष्टता केंद्र

5 वर्षों के लिए खास पहचान

0

आईआईटी (बीएचयू), वाराणसी को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा पांच वर्षों के लिए आईसीएमआर सहयोगी उत्कृष्टता केंद्र (CCoE) के रूप में चयनित किया गया है. यह सम्मान संस्थान के बायोमेडिकल इंजीनियरिंग स्कूल के सहायक प्रोफेसर डॉ. संजीव कुमार महतो के बायोमेडिकल अनुसंधान में अद्वितीय योगदान के लिए दिया गया. चयन की घोषणा 7 जनवरी 2025 को नई दिल्ली में आयोजित CCoE सम्मेलन के दौरान हुई. इस मौके पर डॉ. राजीव बहल, महानिदेशक , भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने आईआईटी सहित सभी चयनित संस्थान को सम्मानित किया.

5 वर्षों के लिए खास पहचान

डॉ. संजीव कुमार महतो, आईआईटी (BHU), बायोमेडिकल इंजीनियरिंग स्कूल के समन्वयक ने बताया कि 2024 में प्राप्त 140 आवेदन प्राप्त हुए थे.आवेदनों में से 20 शोध समूहों को CCoE के रूप में चुना गया. और यह खास पहचान 5 वर्षों के लिए दी गई है. इस पहचान के तहत संस्थान का मुख्य उद्देश्य बायोमेडिकल अनुसंधान के लिए एक सुदृढ़ अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करना और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राथमिकताओं के अनुरूप अनुसंधान एजेंडा तैयार करना होगा.

ALSO READ:वाराणसी में कूड़ा उठाने के लिए देना होगा दोगुना शुल्क, जानिए नगर निगम के नये फैसले

शोध और नवाचार की प्रतिबद्धता का प्रतीक

संस्थान आईसीएमआर के साथ गहन सहयोग और अन्य CCoE के साथ साझेदारी कर राष्ट्रीय स्वास्थ्य विकास में योगदान देगा. इसमें अनुसंधान प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण, और राष्ट्रीय योजनाओं के लिए मार्गदर्शन शामिल है. संस्थान के निदेशक, प्रोफेसर अमित पात्रा ने इस उपलब्धि पर डॉ. महतो और उनकी टीम को बधाई देते हुए इसे आईआईटी (बीएचयू) की शोध और नवाचार की प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया.

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More