पूरे देश में कोरोना के बढ़ते मामलों और ऑक्देसीजन की कमी से देश में हहाकार मचा हुआ है. देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के बीच ऑक्सीजन की कमी नई परेशानी लेकर आई है। ऑक्सीजन की किल्लत के चलते कई मरीजों की मौत हो चुकी है। इसके बाद लोगों ने ऑक्सीजन सिलेंडर की जमाखोरी शुरू कर दी है। कई लोग घर पर ही ऑक्सीजन लगाकर मरीजों का इलाज करवा रहे हैं। हालांकि, घर में ऑक्सीजन का सिलेंडर रखना बहुत खतरनाक हो सकता है। ऑक्सीजन का सिलेंडर LPG वाले लाल सिलेंडर से बिलकुल भिन्न है। इसको लुढ़काया या पटका नहीं जा सकता। अगर इसके ऊपर लगा वाल्व टूटा तो ये किसी मारक मिसाइल से भी ज्यादा खतरनाक बम बन जाता है। जो लोग अपने घरों में ऑक्सीजन के सिलेंडर रखे बैठे हैं वे विशेष ध्यान रखें। जरा सी भी लापरवाही बहुत भारी पड़ सकती है।
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कैसे काम करता है ऑक्सीजन सिलेंडर
ऑक्सीजन सिलेंडर में ह्यूमेडिफायर होता है। इसमें दो चाबियां होती हैं। एक चाबी से ऑक्सीजन सिलेंडर का मेन टैंक खुलता है और दूसरी चाबी से ऑक्सीजन सप्लाई का प्रेसर कंट्रोल होता है। नाक में नेजल कैनुला लगाकर या फिर ऑक्सीजन मास्क लगाकर ऑक्सीजन दी जा सकती है। इस दौरान ऑक्सीजन सैचुरेशन 96 से 98 के बीच रहता है तो सब कुछ सामान्य है। अगर ऑक्सीजन सैचुरेशन इससे अलग है तो डॉक्टर से संपर्क करें।
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ऑक्सीजन सिलेंडर न हो तो उसकी जगह क्या करें
पेट के नीचे तकिया लगाकर पेट के बल सोएं। इस पोजीशन में फेफड़ा ज्यादा फैलता है। इससे ऑक्सीजन सैचुरेशन 5 से 7 प्वाइंट तुरंत बढ़ जाती है। जिस कमरे में कोरोना के मरीज हैं उस कमरे का पूरी तरह खुला रखें। ताकि, मरीज के खांसने या छिंकने से जो वायरस निकल रहे हैं वह बाहर जाकर नष्ट हो जाए। पीने के लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें। भोजन सादा और ताजा होना चाहिए। अगर बहुत अधिक खांसी नहीं है तो थोड़ी-बहुत एक्सरसाइज करें। अनुलोम-विलोम, कपालभाति और डीप ब्रीदिंग जैसे योग करें। अगर कुछ पीने का मन करे तो गर्म सूप पियें।
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