दिन भर महसूस होती है नींद और थकान तो, रूटीन में शामिल करें ये योगासन

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अक्सर लोगों को यह दिक्कत होती है, पूरी रात गहरी और अच्छी नींद लेने के बाद भी दिन भर उन्हे थकान और नींद सी महसूस होती रहती है, जिसकी वजह से काम करने के बाद भी वे अपने काम में अपना 100 % नहीं दे पाते है, ऐसे में यदि आप भी इस दिक्कत का सामना कर रहे है तो, यह खबर आपके लिए होने वाली है. जी हां, आज हम आपको इस खबर में दो ऐसे योगासन के बारे में बताने जा रहे है, जिन्हें आप अपनी दिनचर्या में शामिल कर के इस दिक्कत से छुटकारा पा सकते है. ये दोनों योगासन आपके शरीर में ऊर्जा देने का काम करेगे, जिससे आप दिनभर एक्टिव महसूस कर पाएंगे. जिससे आपकी मार्निंग फ्रेश हो जाएगी, तो चलो तुरंत जानते हैं ये दो योगासन कौन से है…

नींद और थकान दूर करेंगे ये योगासन

भुजंगासन

भुजंगासन का दूसरा नाम कोबरा पोज भी होता है, इसकी वजह यह है कि, इस आसन को करते समय साधक कोबरे की तरह प्रतीत होता है. इस आसन को करने से पेट और कमर की चर्बी कम होती ही है, साथ ही तनाव भी दूर हो जाता है. इस आसन को करने से पीठ के नीचे का हिस्सा मजबूत बनकर बॉडी को एनर्जी देने का काम करता है, इस योगासन को करने के लिए किसी समतल स्थान पर मैट बिछाकर पेट के बल लेट जाए और दोनों पैरों को एक दूसरे से मिलाकर रखें.

इसके बाद दोनों हाथों को कोहनियो को मोडकर हथेलियों को छाती के बगल में जमीन पर रखें और ऐसा करते हुए गहरी सांस लेते हुए सिर को ऊपर उठाने के बाद गर्दन को भी ऊपर की तरफ ले जाएं और फिर धीरे धीरे सीने और पेट को भी ऊपर की तरफ उठाएं. ऐसा करने के बाद आसमान की तरफ देखने का प्रयास करे और ऐसा करते समय गर्दन को एकदम सीधा रखें. वही कुछ देर इस मुद्रा में रूके और फिर इस प्रक्रिया को दोहराएं.

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पवनमुक्तासन

पवनमुक्तासन को विंड रिलीविंग पोज कहते हैं, इसे करने से स्त्रियों को गर्भाशय से जुड़ी समस्याओं में राहत मिलती है, क्योंकि पवनमुक्तासन का नियमित अभ्यास पाचन तंत्र को मजबूत करता है. यह आसन थकान और सुस्ती को कम करने में भी मदद करता है. वही इसे करने के लिए शांतिपूर्ण स्थान पर योगा मैट बिछाकर सीधा लेट जाएं.

आप सांस लेते हुए अपने पैरों को 90 डिग्री उठाएं. अब सांस छोड़कर अपने पैरों को अपनी छाती तक लाने की कोशिश करें.ऐसा करते हुए अपना सिर उठाएं और अपने घुटनों को अपनी उंगलियों से पकड़कर अपने माथे को घुटनों से टच करने की कोशिश करें. थोड़ी देर इसी मुद्रा में बने रहते हुए सांस को नॉर्मल बनाए रखें. इसके बाद अपने सिर को और फिर पैरों को नीचे लाएं, इस योगासन का अभ्यास 2 से 3 बार करें.

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