कुंडली में है कालसर्प दोष तो, सावन में करें ये उपाय, मिटेगी बाधा

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सनातन धर्म के कई बड़े त्यौहारों में से एक है नाग पंचमी का त्यौहार, भारत सहित हिंदू बहुल दक्षिण एशियाई देशों में भी नाग पंचमी का पर्व बड़े उत्साह से मनाया जाता है. इस पर्व सभी शिवभक्त नाग देवता की पूजा अर्चना करते है. यह पर्व हर साल सावन में पंचमी तिथि को नाग पंचमी के तौर पर मनाया जाता है, इस पर्व को सांपों के देवता भगवान शिव के प्रिय नागों की पूजा का पर्व मनाया जाता है. इस साल यह पर्व 9 अगस्त 2024 को मनाया जाएगा. ऐसे में अगर आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है तो, उसके कम करने के लिए हम आपको अचूक उपाय बताने जा रहे है.

माना जाता है कि, नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने से कई दोषों से छुटकारा मिलता है. ऐसे में जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष है, वे नाग पंचमी को खास महत्व देते हैं. काल सर्प दोष से पीड़ित लोगों को जीवन के हर हिस्से में सफलता प्राप्त करने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ता है. इसके अलावा, नाग पंचमी के दिन सांपों की पूजा करने से राहु केतु का बुरा प्रभाव कम हो जाता है.

कालसर्प दोष क्या होता है ?

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, कालसर्प दोष ग्रहों की वह स्थित होती है, सभी ग्रह राहु और केतु के बीच में आ जाते है. मान्यताओं के अनुसार, यह दोष लोगों के जीवन में कई तरह की समस्याएं पैदा कर सकता है, जैसे धन-दौलत में बाधा, विवाह में बाधा, संतान प्राप्ति में बाधा, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं और नौकरी में बाधा, आदि. कालसर्प दोष से बचने के लिए नाग पंचमी के दिन ये उपाय अवश्य करें.

कालसर्प दोष शांत करने के लिए करें ये उपाय

1-नाग पंचमी के दिन घर के द्वार पर सर्पाकार बनाकर घी चढ़ाकर कालसर्प दोष दूर करें. इसके बाद नागराज के बारह नाम जाप करें: अनंत, वासुकी, शेष, पद्म, कम्बल, कर्कोटक, अश्वतर, धृतराष्ट्र, शङ्खपाल, कालिया, तक्षक और पिङ्गल.

2-हिंदू धर्म में गाय का गोबर पवित्र माना जाता है, नाग पंचमी के दिन गाय के गोबर से घर के मुख्य द्वार पर नाग की आकृति बनाकर पूजा करने से कुंडली में काल सर्प दोष दूर होता है. साथ ही पुजारी को चांदी का नाग बनाकर प्राण प्रतिष्ठा कराएं. इसके बाद, बहते हुए जल में इसे डालें. इस उपाय को नाग पंचमी पर करने से भी काल सर्प दोष दूर होता है.

3- सनातन धर्म में गायत्री मंत्र को महामंत्र कहा जाता है, इस शक्तिशाली मंत्र का उच्चारण करने से सभी दुःख दूर हो जाते हैं. वही नाग पंचमी के दिन आप काल सर्प दोष को दूर करने के लिए नाग देवता और भोलेनाथ की पूजा करें और इसके बाद गायत्री मंत्र का जाप करें.

4- यदि आपकी कुंडली में भी कालसर्प दोष है, तो नाग पंचमी के दिन चांदी के दो नाग-नागिन बनाकर पूजन करें. नाग-नागिन के जोड़े को बताशा, फूल और कच्चा दूध दें. इससे कालसर्प दोष का प्रभाव इससे बहुत कम होता है.

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5-नाग पंचमी पर अष्ट नागों की पूजा की जाती है, लेकिन याद रखें कि नाग देवता की पूजा करने से पहले भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए. नाग देवता जो शिव को बहुत प्रिय हैं, भगवान शिव के गले में विराजमान हैं.

6-नाग पंचमी के दिन घर में समुद्री नमक, देसी गाय के गौमूत्र और फिटकरी को मिलाकर पोंछा बनाएं, फिर घर में गुग्गल की धूप दें. ज्योतिषियों का कहना है कि कालसर्प दोष से छुटकारा पाने के लिए नाग पंचमी के दिन नागदेवता या शिव के मंदिर में जाकर झाड़ू लगानी चाहिए. दस दिनों तक मंदिर की सीढ़ियों पर पोंछा लगाना कालसर्प दोष से छुटकारा दिलाता है.

 

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