गाजा में नरसंहार रोके इजरायल”, ICJ ने दिया एक माह
साउथ अफ्रीका की याचिका पर सामने आया अंतरराष्ट्रीय न्यायालय
इजरायल और हमास के बीच छिड़ी जंग को 100 दिनों से ज्यादा का वक्त हो चुका है, लेकिन अभी भी इसके थमने की कोई गुंजाइश नजर नहीं आ रही है. इस बीच इस जंग में दोनों ही तरफ से 20 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. दूसरी ओर इजरायली सैनिक गाजा पट्टी में कहर बनकर टूट रहे हैं. इसी बीच इंटरनेशनल कोर्ट (ICJ) ने इजरायल को आदेश दिया है कि वो गाजा पट्टी में उसकी ओर से किए गए हमले में मारे गए लोगों और अन्य नुकसान का ब्योरा दे. साथ ही किसी भी तरह की गंभीर चोट या नुकसान को पूरी तरह से रोके. आईसीजे के इस रूख को देखते हुए साफ जाहिर होता है कि उसकी मंशा युद्ध पर विराम लगवाना है.
एक महीने के अंदर रिपोर्ट पेश करने का आदेश
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इजरायल (Israel) यह भी पूरी तरह से सुनिश्चित करे कि उसकी सेना गाजा (Gaza Patti) में नरसंहार न करे और मानवीय स्थिति में सुधारवादी कदम उठाए. इन सब बातों के अलावा अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने ये भी आदेशित किया है कि इजरायल एक महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट अदालत में पेश करे.
बता दें कि साउथ अफ्रीका ने इजरायल पर गाजा पट्टी में नरसंहार (Genocide) का आरोप लगाते हुए UN की शीर्ष अदालत का रुख किया था. वहां उसने याचिका दायर की थी. इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए ICJ ने इजरायल को ये आदेश दिया है. साउथ अफ्रीका (South Africa) ने अदालत से अपील की थी कि वो इजरायल को जल्द से जल्द सैन्य अभियानों को रोकने का आदेश दे.
पहले हमास ने इजरायल पर किया था हमला
गौरतलब है कि पिछले साल 7 अक्टूबर को पहले हमास (Hamas) ने इजरायल की सीमा में घुसपैठ करके हमला बोल दिया था. इस दौरान हमास ने करीब 5 हजार रॉकेटों से इजरायल पर हमला किया था. इसके अलावा हमास के लड़ाकों ने एक म्यूजिकल सेरेमनी को निशाना बनाते हुए नरसंहार किया था. इस हमले में करीब 1400 लोग मारे गए थे. इसके अलावा हमास ने लगभग 250 इजरायली और विदेशी नागरिकों को बंधक भी बना लिया था. बंधाक बनाए गएओ लोगों को बाद में गाजा पट्टी ले जाया गया था.
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हमास की ओर से किए गए इस क्रूर हमले के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) ने युद्ध की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि ये युद्ध इजरायल ने शुरू नहीं किया है, बल्कि जबरन उनपर थोपा गया है. उन्होंने ये भी चेतावनी दी थी कि “हमास को इस हमले की बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी, हम उसे मिट्टी में मिला देंगे, जिसे सदियों तक याद रखा जाएगा. जब तक हमास का पूरी तरह से खात्मा नहीं हो जाएगा, तब तक हम रुकेंगे नहीं.”