स्टार्टअप: IAS की नौकरी छोड़, छात्रों को फ्री में दे रहा कोचिंग

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जीवन में कुछ बेहतर करने की ललक के साथ उसने 16 साल की उम्र में एम्स जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में दाखिले का टेस्ट पास कर लिया। डॉक्टरी की पढ़ाई करने के बाद 22 साल की उम्र में ही उसने पहले प्रयास में ही आईएएस जैसे मुश्किल परीक्षा भी पास कर लिया। लेकिन महज एक साल की नौकरी के बाद इस्तीफा देकर यह युवा आईएएस अफसर अब उन छात्रों को ऑनलाइन फ्री कोचिंग दे रहा है, जो सिविल सेवा में जाने को इच्छुक हैं। यह कहानी है डॉ. रोमन सैनी की।

अनएकेडमी की स्थापना

सिविल सेवा से इस्तीफा देने के बाद रोमन ने फैसला किया कि वो फ्री ऑनलाइन ट्रेनिंग के जरिए अन्य प्रतिभागियों की मदद करेंगे। इसके लिए उन्होंने ‘अनएकेडमी’ की शुरुआत की। यह ऑनलाइन कोचिंग की वेबसाइट है, जिसे वो अपने दोस्त गौरव मुंजाल के साथ मिलकर चलाते हैं। वेबसाइट पर वीडियो और भाषणों जरिए वो प्रतिभागियों को ऐसे गुर सिखाते हैं जो उन्हें सिविल सेवा की मंजिल छूने में उपयोगी साबित हो सकती है। रोमन के वीडियो और भाषणों को सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट पर हर दिन हजारों हिट मिल रहे हैं।

अनएकेडमीको मिले निवेशक

इसी साल जनवरी में स्थापित ‘अनएकेडमी’ ने महज कुछ महीनों के अंदर ही फंडिंग जुटाने में सफल रही है। कंपनी द्वारा जारी किए गए बयान के मुताबिक फंडिंग से करीब 3.3 करोड़ रुपए की राशि जुटाई गई है। इस फंडिंग से प्लेटफॉर्म को और मजबूत बनाने के साथ-साथ इसके स्केलिंग में मदद मिलेगी।

1500 से ज्यादे कोर्सेस मौजूद

जनवरी 2016 में स्थापना से पहले ही ‘अनएकेडमी’ के यू-ट्यूब चैनल ने काफी धूम मचाया था। यू-ट्यूब चैनल पर करीब 1.5 करोड़ से भी ज्यादा विजिटर्स ने मुफ्त में ‘अनएकेडमी’ द्वारा बनाए गए कोर्सेस को देखा है। इस प्लेटफॉर्म पर 1,500 से भी ज्यादा कोर्सेस के शिक्षक मौजूद हैं। इनमें नई-नई भाषा सीखने से लेकर सरकारी नौकरी में सफलता हासिल करने वाले शिक्षक शामिल हैं।

पढ़ने वालों के लिए मददगार प्लेटफॉर्म

‘अनएकेडमी’ के को-फाउंडर और सीईओ गौरव मुंजाल ने कहा कि पढ़ने और सीखने वालों के लिए ‘अनएकेडमी’ बहुत ही मददगार प्लेटफॉर्म साबित हो रहा है। यहां छात्र ना सिर्फ नई चीजों को सीख सकते हैं, बल्कि अपने प्रोग्रेस के बारे में भी जान सकते हैं।

सोच की अभिव्यक्ति

जानकारों का कहना है कि ‘अनएकेडमी’ सोच की अभिव्यक्ति है। ये प्लेटफॉर्म सही मायनों में कोर्स मटेरियल्स को और मजेदार तरीके से तैयार करने और इसे लोगों तक पहुंचाने में एक क्रांतिकारी सोच पर काम कर रही है, जिससे कि ये सभी के लिए उपलब्ध हो।

परिवार के पहले IAS

राजस्थान में कोटपूतली के रायकरनपुरा गांव निवासी रोमन अभी महज 23 साल के हैं। 2013 में उन्होंने आईएएस की परीक्षा पास की और उन्हें देशभर में 18वां रैंक मिला। रोमन की मां गृहिणी और पिता इंजीनियर हैं। वो अपने परिवार से पहले आईएएस अफसर हैं।

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