कैसे गर्मी के कारण जा रही नौकरियां, क्या है इसके पीछे की वजह?

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पिछले हफ्ते से लेकर इस हफ्ते की शुरुआत में हुयो बारिश के कारण मौसम ने पूरी तरह से करवट बदलने से पहले ही अचानक गर्मी बढ़ना शुरू हो गयी थी. वहीं भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, इस साल की लू लोगों को झुलसाएगी. यही नै इस बार की गर्मी का प्रकोप जानवरो और जंगलों पर भी बुरा असर डालेंगी। जिसे पर्यावरण को काफी नुकसान होने का अनुमान जताया जा रहा है. IMD के साथ वर्ड बैंक ने भी गर्मी को चेताया है.

वर्ल्ड बैंक ने कहा कि इस बार हो रही तापमान में बढ़ोतरी से इस साल ही नहीं आने वाले कई सालों तक सामान्य जीवन पर बहुत असर डालेगी. इसे मानव जीवन को कई तरह के संकट का सामना करना पड़ेगा. वर्ल्‍ड बैंक की रिपोर्ट ‘क्‍लाइमेट इंवेस्‍टमेंट अपॉर्च्‍युनिटी इन इंडियाज कूलिंग सेक्‍टर’ में कहा गया है कि बढ़ता तापमान और जलवायु में हो रहे बदलाव मानव जीवन पर दोहरा संकट लाएंगे.

कैसे तेजी से करवट बदल रहा है मौसम…

मौसम वैज्ञानिकों ने मार्च 2022 में ही चेतावनी जारी कर दी थी कि इस साल देश में जबरदस्‍त लू चलेगी. हुआ भी ऐसा ही और पूरे देश में भीषण गर्मी ने लोगों को झुलसाया. फरवरी 2023 में भी अचानक मौसम ने करवट बदली और लोगों को हल्‍की ठंड के मौसम में ही जून-जुलाई का अहसास होने लगा. मौसम विभाग ने बताया कि बीते 17 साल में इस साल फरवरी का महीना सबसे ज्‍यादा गर्मी भरा रहा. अब मौसम विभाग ने फिर अनुमान जताया है कि इस साल भी गर्म हवाओं के थपेड़े आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित करेंगे.

नौकरियां छिनने से क्‍या है इसका संबंध…

विश्‍व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में एक तरफ कहा है कि इस साल लू के थपेड़े लोगों की सेहत पर बुरा असर डालेंगे. तो दूसरी तरफ साफ तौर पर कहा है कि गर्म हवाएं चलने से उत्‍पादकता पर भी असर पड़ेगा. उत्‍पादकता घटने का असर रोजगार पर पड़ेगा. साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि लगातार बढ़ते भीषण गर्मी के महीनों के कारण अलग 7 साल में यानी साल 2030 तक दुनियाभर में 8 करोड़ लोगों की नौकरियां छिन सकती हैं. डराने वाला अनुमान ये है कि मौसम के बिगड़ते मिजाज के कारण इनमें से 3 करोड़ नौकरियां सिर्फ भारत में ही जाएंगी.

जल, जंगल, जमीन और जीवन पर असर…

भारतीय मौसम विभाग का अनुमान है कि इस साल भी देशभर में भीषण लू चलेगी. यही नहीं, ये सिलसिला साल-दर-साल बढ़ता जाएगा. लगातार बढ़ती गर्मी का सीधा असर आपके और हमारे जीवन पर पड़ना तय है. भीषण गर्मी का जल, जंगल, जमीन और आम जीवन पर बहुत बुरा असर पड़ेगा. इस साल फरवरी में अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस से ऊपर निकल गया था. यही नहीं, फरवरी 2023 के 6 दिन ऐसे भी रहे, जब अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. दिल्‍ली, राजस्‍थान, हरियाणा ही नहीं उत्‍तर प्रदेश, मध्‍य प्रदेश, गुजरात, पंजाब, छत्‍तीसगढ़, महाराष्‍ट्र समेत कई राज्‍यों में फरवरी के दौरान लोगों ने मई-जून की गर्मी का अहसास किया.

भीषण गर्मी से निपटने के लिए क्‍या करें?

बीते कुछ सालों से लगातार बढ़ रही गर्मी और आने वाले वर्षों के लिए लगाए जा रहे अनुमान के मुताबिक अब लोगों को ज्‍यादा तापमान से निपटने की तैयारियां कर लेनी चाहिए. भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, इस बार अप्रैल-मई में ही जून और जुलाई की तरह गर्म हवाएं चलने का अनुमान है. अब सवाल ये है कि इस साल फरवरी में इतनी गर्मी क्‍यों पड़ी? इस पर मौसम विभाग का कहना है कि इस बार पश्चिमी विक्षोभ नदारद रहा. इसी वजह से फरवरी में ही जबरदस्‍त गर्मी का अहसास हुआ. बता दें कि पश्चिमी विक्षोभ के चलते ही बारिश होती है और मौसम खुशनुमा रहता है. पश्चिमी विक्षोभ बिना मानसून के बादलों को बरसाता है.

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