नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर आगरा में हाई अलर्ट
नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए), 2019 के खिलाफ अलीगढ़ में व्याप्त तनाव के मद्देनजर इससे सटे आगरा के जिला प्रशासन ने कई कदम उठाए हैं। शहर में आने वाले सभी वाहनों की जांच की जा रही है और बड़ी संख्या में अराजक तत्वों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।
जिला अधिकारी एन.जी. रवि, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) बबलू कुमार, पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) सतीश गणेश ने देर रात शहर के विभिन्न हिस्सों का दौरा किया।
शहर को पांच जोन और 15 सेक्टरों में बांटा गया
शहर को पांच जोन और 15 सेक्टरों में बांटा गया है और सबका प्रभार एक वरिष्ठ अधिकारी को दिया गया है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “जरूरत पड़ने पर इंटरनेट सेवाओं को निलंबित किया जा सकता है।”
अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए पुलिस साइबर सेल सोशल मीडिया पोस्ट्स पर नजर बनाए हुए है।
डिजिटल स्वयंसेवी संगठन सुरक्षा एजेंसियों का सहयोग कर रहे हैं।
जामिया, अलीगढ़ विरोध प्रदर्शनों पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 17 दिसंबर को
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह नागरिकता संशोधन कानून, 2019 को लेकर दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय और उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में हुए विरोध प्रदर्शन पर मंगलवार यानी 17 दिसंबर को सुनवाई करेगा.
प्रधान न्यायाधीश एस. ए बोबड़े ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की इजाजत नहीं देगा। उन्होंने कहा कि कोर्ट यह भी नहीं कह रहा है कि छात्र जिम्मेदार हैं या पुलिस निर्दोष है।
छात्र होने के नाते, वे कानून को अपने हाथ में नहीं ले सकते
कोर्ट का मानना है कि छात्र होने के नाते, वे कानून को अपने हाथ में नहीं ले सकते हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि अगर कोई हिंसक प्रदर्शन नहीं होगा, तभी कोर्ट मामले पर मंगलवार को सुनवाई करेगा।
प्रधान न्यायाधीश ने वकीलों से कहा, “सही क्या है हमें पता है.. यह क्या है? सार्वजनिक संपत्तियों को नष्ट किया जा रहा है। हम इस पर शांति से निर्णय लेंगे।”
दिल्ली और बंगाल के बाद लखनऊ में भी भड़की हिंसा. देश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध के नाम पर हिंसा की आग भड़कती जा रही है. असम और बंगाल से शुरू हुई हिंसा की लपटों ने रविवार को राजधानी दिल्ली और अलीगढ़ को भी चपेट में ले लिया.