बीजापुर नक्सली हमला: हिडमा ही नहीं ये हत्यारे भी हैं जवानों के खून के प्यासे

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छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सीआरपीएफ के 22 जवानों की जान लेने का जिम्मेदार टॉप नक्सल कमांडर हिडमा (Hidma) को माना जा रहा है. इस घटना से पूरे देश में कोहराम मच गया है. सुरक्षाबलों ने ठान लिया है कि इसकी सजा उसे जरूर देंगे और हिडमा की तलाश तेज कर दी है. लेकिन देश के रेड कॉरीडोर को जवानों और देशवासियों के खून से लाल करने वाले कई और भी हैं. इनमें लाखों के इनामिया शामिल हैं. इन्होंने भी बीजापुर की तरह कई दुर्दांत घटनाओं को अंजाम दिया है.

हिडमा है हिट लिस्ट में शामिल

छत्तीसगढ़ बीजापुरा हमले के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने नक्सलियों के खिलाफ एक्शन तेज करने का निर्देश दिया है. सुरक्षा एजेंसियों ने टॉप नक्सली कमांडरों की लिस्ट जारी की है. इनमें सबसे पहला नाम है हिडमा (Hidma) का है. यह नक्सली मिलिट्री सीओवाई 6 का टाप कमांडर है. इसके साथ ही साकेत, नुरेती और लालू दंडामी हैं ये दोनों प्लाटून नम्बर एक के कमांडर हैं. प्लाटून नम्बर 2 के कमांडर मंगेश गोंड और रामजी, मिलिट्री प्लाटून नम्बर 17 का कमांडर सुखलाल, डीवीसीएम मिलिट्री प्लाटून नंबर 16 का कमांडर मलेश शामिल हैं. इनमें से ज्यादातर छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में सक्रिय हैं. जिस हिडमा (Hidma) को इस वक्त पूरे देश की सुरक्षा एजेंसियां तलाश रही हैं वो बेहद शातिर है. दसवीं तक की पढ़ाई पूरी कर नक्सल आंदोलन में शामिल होने वाला हिडमा फर्राटेदार अंग्रेजी बोलता है. छोटे कद का 51 साल का हिडमा 1990 में नक्सली संगठन से जुड़ा था. उसकी टीम में 180-250 नक्सली हैं, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं. हिडमा की पत्नी राजे भी नक्सली है. वह भी डिवीजनल कमेटी की सदस्य है. 2010 में दंतेवाड़ा में हमला कर 76 और 2017 में बुरकापाल में 23 सीआरपीएफ के जवानों का हत्यारा है.

एक से एक है खतरनाक हैं नक्सली

देश के 11 प्रदेशों के वो 90 जिले जो नक्सली प्रभावित हैं उन्हें रेड कारीडोर कहते हैं. इनमें प्रमुख रूप से छत्तीसगढ़, ओडिसा, क्षारखंड, तेलंगाना, महाराष्ट्र हैं. यहां सक्रिय कई एसे नक्सली हैं जो मौका मिलने पर खूनी खेल खेलने से नहीं चूकते हैं. इसमें पहला नाम आता है मुप्पला लक्ष्मन राव का जिसे गणपति और रमन्ना के नाम से जाता है. 71 साल सा यह शख्स नक्सलियों के सबसे बड़े ओहदे सेंट्रल कमेटी के महासचिव पद से रिटायर हुआ है. इसकी मौजूदगी छत्तीसगढ़ के अबूझामाढ़ में ज्यादातर रहती है.

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देश में हुई कई बड़ी नक्सली वारदात में इसके इशारे पर मानी जाती है. इसी तरह नम्बल्ला केशव राव उर्फ बसव राजू की गिनती बेहद खूंखार नक्सलियों में होती है. यह एनआईटी से इंजीनियिरंग स्नातक है. इसने लिट्टे से गुरिल्ला वार की ट्रेनिंग ली है. छत्तीसगढ़ के दरभा घाटी में सीआरपीएफ के 75 जवानों की हत्या में इसका नाम शामिल रहा. इसी तरह सीआरपीएफ की लिस्ट में शामिल लच्छू मरकाम और उर्फ कमलेश ने 36 पुलिस जवानों की जान ली है और ये भी कुख्यात हैं. नक्सिलयों में एक और बड़ा नाम कटकम सुदर्शन उर्फ आनंद का है. 6 अप्रैल 2010 को दंतेवाडा में नक्सलियों ने घात लगाकर हमला किया 76 जवानों की जान ले ली. इस घटना का मांस्टर आनंद को ही माना जाता है.

एक करोड़ के ईनामी

खनिज संपदा से भरपूर झारखंड में नक्सलियों की जड़ें भी बहुत गहरी हैं. यहां नक्सलियों की जबरदस्त सक्रियता है. सरकार ने इसके टाप कमांडरों की लिस्ट बनायी तो वो 150 की संख्या पार कर गयी. इसमें कई तो एसे हैं जिन पर एक करोड़ रुपये तक का इनाम है. 24 परगना पश्चिम बंगाल का प्रशांत बोस उर्फ किशन दा, गिरिडीह का मिसिर बेसरा उर्फ भाष्कर, मिदनापुर पश्चिम बंगाल का असीम मंडल उर्फ आकाश और गिरिडीह का अनल दा उर्फ तूफान पर भी एक करोड़ का इनाम घोषित है. इसके आलावा 25 लाख के सात, 15 लाख के 13 और 10 लाख रुपये के इनामी नक्लसी 18 हैं. इसके अलावा पांच, दो और एक लाख के इनामियों की लम्बी लिस्ट है.

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