ये रहीं भारत की सबसे लंबी ट्रेनें, डिब्बे गिनते-गिनते जाएंगे थक

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बचपन से लेकर आज तक न जाने कितनी बार हमने ट्रेन में सफर किया है. एक बार नहीं बल्कि हजारों बार हमने ट्रेन में सफर के मजे ले चुकें हैं. एक राज्य से दूसरे राज्य, एक शहर से दूसरे शहर तक जाने के लिए ट्रेन हमें एक सस्ता, सुरक्षित और सुगम माध्यम लगता है. बता दें, ट्रेन से हर दिन करीबन लाखों-करोड़ों सफर करते हैं. ये तो आप में से कई लोग जानते होंगे कि देश की सबसे तेज ट्रेन कौन सी है, लेकिन अगर हम आपसे पूछें कि देश की 4 सबसे लंबी ट्रेन कौन सी है, तो शायद हीकई रेलवे स्टेशनों के पीछे लिखा होता है सेन्ट्रल, जंक्शन और टर्मिनस, क्या है इनका मतलब? जानिए यहां आपको इस बारे में पता होगा. चलिए फिर आपके इस डूबत को क्लियर करते हैं, और बताते हैं देश की सबसे लंबी ट्रेनें कौन सी हैं.

ये ट्रेनें भारत की सबसे लंबी ट्रेनों की लिस्ट में शुमार हैं लेकिन आपने शायद इनका नाम अब तक नहीं सुना होगा. इन लंबी ट्रेनों को खींचने के लिए 4 से 6 इंजन लगाए जाते हैं. आइये जानते हैं देश की इन बड़ी ट्रेनों के नाम और इनसे जुड़े रोचक तथ्य…

‘शेषनाग’ और ‘सुपर वासुकी’…

भारत में चलने वाली सबसे लंबी ट्रेनों में शेषनाग, सुपर वासुकी और विवेक एक्सप्रेस का नाम शुमार है. शेषनाग और सुपर वासुकी नाम सुनकर ऐसा लगता है कि ये ट्रेन नहीं बल्कि किसी मिसाइल के नाम हैं. बात करें शेषनाग ट्रेन की तो इसकी लंबाई लगभग 2.8 किलोमीटर है और इसे चलाने के लिए 4 इंजन लगाए जाते हैं. हालांकि, यह एक मालगाड़ी है.

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अनुसार, 2.8 किमी लंबी शेषनाग ट्रेन को चार खाली BOXN रेक को मिलाकर बनाया गया है, जो चार इलेक्ट्रिक लोको सेट द्वारा संचालित है. शेषनाग से बड़ी ट्रेन सुपर वासुकी को कहा जाता है, इसे स्वतंत्रता दिवस की 75वीं सालगिरह पर शुरू किया गया था. 295 डिब्बों के साथ 3.5 किलोमीटर लंबी यह देश की सबसे बड़ी ट्रेन है. हालांकि, यह भी एक मालगाड़ी है. पहली बार इस ट्रेन के जरिए 295 लोडेड वैगनों में 27,000 टन से अधिक कोयला ले जाया गया.

23 कोच के साथ 4234 किलोमीटर की यात्रा…

वहीं, यात्री गाड़ियों में विवेक एक्सप्रेस को भारत की सबसे लंबी दूरी की ट्रेन कहा जाता है. यह गाड़ी डिब्रूगढ़ से कन्याकुमारी तक जाती है और देश के कई राज्यों के बड़े शहरों से गुजरकर 4234 किलोमीटर का सफर तय करती है. इस ट्रेन में करीब 23 कोच हैं.

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