साध्वी के बयान पर हेमंत करकरे की बेटी ने तोड़ी चुप्पी, कही ये बड़ी बात!

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मुंबई में 26/11 के आतंकवादी हमले में अपने पिता के शहीद हो जाने के 11 साल बाद महाराष्ट्र के पूर्व आतंकवाद-निरोधी दस्ते (एटीएस) के प्रमुख हेमंत करकरे की बेटी जुई नवारे ने कहा है कि वह चाहती हैं कि हर कोई उन्हें याद रखे। वह अपने शहर और देश को बचाने की कोशिश में शहीद हो गए। उन्होंने अपनी वर्दी को अपने जीवन और परिवार से पहले रखा।

क्या बोलीं हेमंत करकरे की बेटी?-

जुई नवारे अमेरिका में रहती हैं। नवारे ने बताया कि उन्होंने 2008 के मालेगांव धमाके की आरोपी और भाजपा लोकसभा की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर द्वारा अपने पिता के बारे में दिए बयान को सोशल मीडिया पर पढ़ा।

उन्होंने कहा कि मैं उनके बयान के बारे में कुछ नहीं कहना चाहती। मैं केवल अपने पिता हेमंत करकरे के बारे में बात करना चाहती हूं। मेरे पिता एक आदर्श थे और उनका नाम गरिमा के साथ लिया जाना चाहिए।

‘मरते वक्त भी देश को बचाने की कोशिश की’-

हेमंत करकरे की बेटी ने कहा, ‘मेरे पिता ने हमेशा यही सिखाया कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं है। कोई भी धर्म किसी को भी मारना नहीं सिखाता है। आतंकवाद एक विचारधारा है जिसे हराना है।’

आगे उन्होंने बताया कि उनके पिता करकरे ने अपने जीवन में और पुलिस में अपने 24 साल के करियर के दौरान सभी की मदद की। मरते वक्त भी वह अपने शहर, अपने देश को बचाने की कोशिश कर रहे थे। मैं बस यही चाहती हूं कि हर कोई उसे याद रखे।

क्या कहा था साध्वी ने?-

भोपाल में मीडिया से बात करते हुए साध्वी प्रज्ञा ने कहा, ‘एटीएस मुझे 10 अक्टूबर 2008 को सूरत से मुंबई लेकर गई थी। वहां 13 दिन तक बंधक बनाकर रखा गया। पुरुष एटीएस कर्मियों ने इस दौरान मुझे खूब प्रताड़ित किया।’

आगे कहा कि पूर्व एटीएस चीफ हेमंत करकरे को संन्यासियों का श्राप लगा और मेरे जेल जाने के करीब 45 दिन बाद ही वह 26/11 के आतंकी हमले का शिकार हो गए।

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