सिपाही भर्ती 2018: हाइकोर्ट ने राज्य सरकार और पुलिस भर्ती बोर्ड से मांगा जवाब, जानें क्यों…
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड से 2018 की पुलिस कांस्टेबल के 18208 पदों पर भर्ती में ऐसे अभ्यर्थियों को चयन सूची में शामिल नहीं करने पर जवाब मांगा है, जिनके अंक कट ऑफ मेरिट से अधिक हैं।
पुलिस भर्ती बोर्ड के इस निर्णय को ओबीसी, एससी और सामान्य वर्ग के कई अभ्यर्थियों ने याचिका दाखिल कर चुनौती दी है। अधिवक्ता सीमांत सिंह को सुनकर न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने बॉबी कुमार व आठ अन्य की याचिका पर यह आदेश दिया है।
परीक्षाओं में सफल रहे याचीगण
याचीगण के एडवोकेट सीमांत सिंह ने बताया कि याची लिखित परीक्षा, शारीरिक दक्षता परीक्षा और दस्तावेजों के सत्यापन में सफल रहे। भर्ती बोर्ड की ओर से जारी अंतिम उत्तर कुंजी से मिलान करने पर उनके अंक विभिन्न वर्गों के कट ऑफ मेरिट से अधिक आ रहा है।
अंतिम चयन परिणाम घोषित
दो मार्च 2020 को अंतिम चयन परिणाम घोषित किया गया। इसमें दस लिस्ट जारी की गई। एक से नौ तक की सूची चयनित अभ्यर्थियों की थी, जबकि 10वीं सूची में चयनित न होने वाले अभ्यर्थियों का नाम है। याचियों का नाम दोनों तरह की सूचियों में नहीं है।
कोर्ट ने दिये निर्देश
बोर्ड की ओर से जारी कट ऑफ मेरिट के अनुसार सामान्य वर्ग का 193.6, ओबीसी का 185.3 और एससी की मेरिट 159.3 है। याचियों के अंक इससे अधिक हैं, इसके बावजूद उनका नाम चयन सूची में शामिल नहीं है। कोर्ट ने इस मामले में प्रदेश सरकार और पुलिस भर्ती बोर्ड को 16 जुलाई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
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