लखनऊ: बदहाल सड़कों और सीवेज पर HC ने मांगा जवाब, डीएम-कमिश्नर समेत 7 अधिकारियों के खिलाफ नोटिस जारी

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यूपी की राजधानी लखनऊ में नादरगंज औद्योगिक क्षेत्र व इससे जुड़ी सड़कों, सीवेज और जल निकासी तंत्र का कार्य पूर्ण ना होने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने सड़क के रखरखाव के लिए जिम्मेदार विभाग को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने जवाब मांगा है कि वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में विफल क्यों रहे? इस मामले में डीएम सूर्य कुमार गंगवार और कमिश्नर डॉ. रोशन जैकब समेत 7 अधिकारियों के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया है.

कोर्ट ने अधिकारियों से पूछा कि हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना करने के लिए क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए? बताते चले इसको लेकर अजय चौहान (सचिव पी.डब्ल्यू.डी), अमृत अभिजात (प्रमुख सचिव शहरी विकास प्राधिकरण), इंद्रजीत सिंह (नगर आयुक्त), मंदसौर कटियार (नगर निगम), इंद्रमणि त्रिपाठी (क्षेत्रीय प्रबंधक औद्योगिक विकास प्राधिकरण), डॉ. रोशन जैकब (उपाध्यक्ष लखनऊ विकास प्राधिकरण एवं कमिश्नर लखनऊ मंडल) एवं सूर्य कुमार गंगवार (जिलाधिकारी लखनऊ) के खिलाफ अवमानना का नोटिस कोर्ट ने जारी किया है. यह आदेश जस्टिस राजीव सिंह की एकल पीठ ने 15 नवंबर, 2022 को नोटिस जारी कर कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने पर लखनऊ विकास प्राधिकरण, लखनऊ नगर निगम, यूपी औद्योगिक विकास प्राधिकरण और पीडब्ल्यूडी सहित अन्य विभागों से जवाब मांगा है.

दरअसल, 24 सितंबर, 2021 को शरद कुमार श्रीवास्तव ने नादरगंज औद्योगिक क्षेत्र में सड़कों, सीवरों और जल निकासी की स्थिति में सुधार के लिए विभिन्न विभागों को निर्देश देने के लिए अदालत में एक जनहित याचिका दायर की थी. जस्टिस राजीव सिंह की एकल पीठ ने शरद कुमार श्रीवास्तव की अवमानना याचिका को पारित किया.

कोर्ट ने यह टिप्पणी करते हुए कहा था कि

‘अच्छी सड़क सीवेज और जल निकासी तंत्र राज्य सरकार की जिम्मेदारी है. कौन सी अथॉरिटी इन सुविधाओं को प्रदान करने के लिए जिम्मेदार है. इसका पता ना होना, लोगों को इन सुविधाओं से वंचित रखने का आधार नहीं हो सकता. मंडलायुक्त लखनऊ मंडल को आदेश दिया था कि वह संबंधित विभागों के साथ मीटिंग कर के एक माह में उनकी जिम्मेदारी तय करें. इसके बाद के 6 माह के भीतर इलाके के सड़कों, सीवेज और जल निकासी तंत्र का कार्य पूर्ण कर लिया जाए. वर्तमान याचिका में कहा गया है कि 1 साल से अधिक का समय बीत जाने के बावजूद 21 सितंबर, 2021 के आदेश के अनुपालन के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है.’

बता दें कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 21 दिसंबर, 2022 की तिथि तय की है. नादरगंज औद्योगिक क्षेत्र लखनऊ के मुख्य सड़क मार्ग में से है, जो अमौसी रेलवे स्टेशन तक जाता है.

 

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