कानपुर हिंसा में बड़ा खुलासा: साजिशकर्ता हयात जफर का PFI से कनेक्शन, व्हाट्सऐप ग्रुप में मिले चौंकाने वाले सबूत
बीते 3 जून को कानपुर में हुई हिंसा को लेकर पुलिस ने बड़े खुलासे किये हैं. इस मामले पर बवाल के मुख्य साजिशकर्ता हयात जफर हाशमी को गिरफ्तार किया गया है. हयात जफर के पास से पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से जुड़े 4 अन्य संस्थाओं के तमाम दस्तावेज बरामद हुए हैं. ये संस्थाएं एआईआईसी, आरआईएफ, एसडीपीआई (सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया), सीएफआई (कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया) हैं, जिनको पीएफआई फंडिंग करता रहा है. ये बात कई जांच एजेंसियों की तफ्तीश में साबित हो चुकी है. अब पुलिस कयास लगा रही है कि साजिशकर्ता हयात जफर पीएफआई व उनसे जुड़ी संस्थाओं के लोगों से सीधे संपर्क में था. हालांकि,आगे की जांच में पूरा सच सामने आएगा. ये संस्थाएं मणिपुर, त्रिपुरा, हैदराबाद, बंगाल में भी सक्रिय हैं.
पुलिस के गुप्त सूत्रों की माने तो ‘हयात जफर हाशमी समेत अन्य मुख्य साजिशकर्ता के मोबाइल से महत्वपूर्ण डाटा मिला है. एमएमए जौहर फैंस एसोसिएशन के व्हाट्सऐप ग्रुप पर बवाल के साक्ष्य हैं और ग्रुप में बड़ी संख्या में लोग जुड़े हैं. एक तरफ हयात जफर हाशमी 3 जून की बाजार बंदी को रद्द करने का दावा कर रहा था, लेकिन दूसरी तरफ एसोसिएशन के व्हाट्सऐप ग्रुप में पूरी साजिश की जा रही थी कि किस तरह से बंदी करनी है. यानी बंदी रद्द करने का ऐलान कथित तौर पर किया गया था.’
हयात जफर हाशमी के मोबाइल से शहर के कई प्रमुख लोगों के नंबर भी मिले हैं. पुलिस की जांच में सामने आया कि ये लोग पर्दे की पीछे रहकर खामोशी के साथ बवाल की साजिश में शामिल थे. शुरुआती जांच में इनके खिलाफ पुख्ता साक्ष्य नहीं मिले हैं. पुलिस केवल जानकारी के आधार पर उनके खिलाफ साक्ष्य जुटाने में लगी है. जिनके खिलाफ साक्ष्य पाए जाएंगे, उन पर कार्रवाई होगी.
इसके अलावा पुलिस ने मुख्य आरोपियों के मोबाइल नंबर की सीडीआर निकलवाई. जिस समय बवाल हुआ उस वक्त हयात जफर हाशमी की लोकेशन यतीमखाना के पास मिली. जबकि जावेद व अन्य साजिशकर्ता की लोकेशन यतीमखाना, नई सड़क व दादामियां चौराहे के पास पाई गई.
बता दें जिन लोगों ने कानपुर हिंसा की साजिश रची है, उसकी छानबीन पुलिस कर रही है. पुलिस ने हिंसा के मुख्य साजिशकर्ता हयात हाशमी समेत अब तक 24 लोगों को गिरफ्तार किया है. अब तक 36 लोगों की पहचान की जा चुकी है. पुलिस ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर अन्य संदिग्धों की पहचान की जा रही है और इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.