CM के काफिले पर हमले की कोशिश नाकाम, हमालावर गिरफ्तार
मुख्यमंत्री की यात्रा में स्वागत के दौरान गोली चलने से अफरा-तफरी का माहौल हो गया। हमलावर ने सीएम के काफिले पर हमले की कोशिश की लेकिन पुलिस की क्विक रेस्पोंस टीम (क्यूआरटी) ने सुरक्षा करते हुए गोली चलाने वाले समेत पांच हमलावरों को दबोच लिया। यह दृश्य था पुलिस लाइन मैदान का, जहां पुलिस महानिरीक्षक (अजमेर रेंज) मालिनी अग्रवाल ने सालाना निरीक्षण किया।
भीड़ में फायरिंग की घटना के बाद मची भगदड़
दो दिवसीय निरीक्षक का पहले दिन पुलिस लाइन में वीवीआईपी यात्रा के दौरान सुरक्षा के लिए हेलीपेड से मेयो कॉलेज तक का वीआईपी रूट बनाया गया था। काफिले में उप निरीक्षक नीतू राठौड़ ने मुख्यमंत्री की भूमिका निभाई। मुख्यमंत्री का काफिला पहुंचते ही स्वागत के लिए आगे आई भीड़ में फायरिंग की घटना के बाद मची भगदड़ को नियंत्रित करते हुए आरोपित को दबोचा।
वहीं काफिले को सुरक्षित निकालने के दौरान चौपहिया वाहनों में आए हथियारबंद बदमाशों ने फिर हमले की कोशिश की जिसे क्यूआरटी ने नाकाम कर दिया। आईजी मालिनी अग्रवाल ने वीवीआईपी यात्रा की मॉक ड्रिल का नेतृत्व कर रही उप अधीक्षक (यातायात) प्रीति चौधरी को खामियां गिनाते हुए दिशा-निर्देश दिए।
यहां भी पुलिस के खिलाफ नारे
पुलिस अधीक्षक राजेन्द्रसिंह के नेतृत्व में सेरेमोनियल परेड हुई। वृत्ताधिकारयों ने थानाप्रभारियों की परेड करवाई। फिर बलवा परेड के दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के खिलाफ नारे लगाते हुए पथराव किया। बलवा पार्टी ने प्रदर्शनकारियों से पहले समझाइश, चेतावनी, पथराव पर हल्का बल प्रयोग, फिर आंसू गैस का इस्तेमाल करते हुए पांच राउंड फायरिंग की।
आईजी अग्रवाल ने बलवा पार्टी में शामिल जवानों व पुलिस अफसरों से सवाल-जवाब करते हुए प्रदर्शन के दौरान चारों तरफ से घिरने और पथराव की स्थिति में बचाव के तरीके से जुड़े सवाल पूछे। आईजी के अधिकांश सवालों का कोई जवाब नहीं दे सका।
…मैडम पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही
पुलिस की एमओबी और एफएसएल टीम ने थानाप्रभारी (ब्यावर सिटी) यशवंत सिंह, हैडकांस्टेबल दुर्गेशसिंह जादौन, सेठूराम ने युवक की हत्या और लूट की वारदात का दृश्य बनाया। इसमें युवक की हत्या की वारदात में घटनास्थल को सीज करना, फुट प्रिंट उठाने, ब्लड सैम्पल सहित पूरे प्रकरण की कार्रवाई को नाट्य रूपांतर किया।
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आईजी अग्रवाल ने मामले की शिकायत करने वाले दूधिए को बुलाया लेकिन उसके स्थान पर मृतक के रिश्तेदार की भूमिका निभाने वाला सिपाही पहुंच गया। आईजी ने सवाल किया लेकिन घबराहट के चलते सिपाही सवाल सुने बिना परिजन की भूमिका में बताए गए संवाद- ‘मैडम पुलिस सो रही है, कार्रवाई नहीं कर रही है…बोलना शुरू कर दिया।
अनुसंधान में करें इस्तेमाल
आईजी अग्रवाल ने हत्या के प्रकरण में अनुसंधान के दौरान प्रदर्शित उपकरणों के संबंध में बारी से जानकारी ली। उन्होंने वृत्ताधिकारियों व थानाप्रभारियों को पुलिस थानों पर दिए गए किट का इस्तेमाल करने की बात कही। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारियों को कानून व्यवस्था के अलावा लूट, हत्या जैसी संगीन वारदातों में अनुसंधान में भी ध्यान देना चाहिए।
(साभार – पत्रिका)
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