जातिगत राजनीति पर भारी पड़ेगी आधी आबादी

पीएम मोदी ने समझ लिया है मातृ शक्ति की महाशक्ति

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वाराणसी: देश व प्रदेश के चुनाव में अब तक देखा गया है कि पूर्वांचल की धरती पर जातिगत आधारित राजनीति कई बार गुल खिलाया है. इसी समीकरण से सपा व बसपा ने लंबे समय तक पूर्वांचल में बाजी मारी है. भाजपा ने कभी खुलकर जाति आधारित राजनीति खुलकर नहीं की. हिंदूवादी विचारधारा ने उसे इसकी इजाजत भी नहीं दी. जिसका परिणाम रहा कि भाजपा को पूर्वांचल में नुकसान होता रहा है. मोदी लहर में भी आपेक्षित जीत नहीं मिली. इस चुनाव में भाजपा ने इसकी काट निकाला है. पीएम मोदी ने मातृ शक्ति की महाशक्ति को पहचान है. चुनाव में बड़ी जीत को लेकर मुद्दे के तौर पर आधी आबादी को हथियार बनाया है. आधी आबादी को प्राथमिकता देकर विरोधी को मात देने की कोशिश हो रही है जो कारगर भी हो सकती है.

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पीएम मोदी ने जबसे केंद्र की सत्ता की बागडोर संभाली तब से लेकर अपने 10 वर्षों के दो कार्यकाल में महिला सशक्तिकरण को लेकर सदैव मुखर रहे. इसके लिए उन्होंने महिलाओं के लिए जहां नए कानून बनाये वहीं, कई कल्याणकारी योजनाओं का भी शुभारम्भ किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 10 वर्षों के शासनकाल में विकास पर जोर देने के साथ-साथ महिला उत्थान पर भी बहुत ज्यादा ध्यान दिया. मोदी सरकार ने 27 साल से भी ज्यादा इंतजार के बाद पहली बार महिला आरक्षण बिल लोकसभा और राज्यसभा दोनों से पारित कराया. मोदी सरकार ने महिलाओं को लेकर बनाई गई योजनाओं का नाम भी ऐसे रखा, जो सीधे महिलाओं के दिल को छू रही हैं. बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, जनधन योजना, मुस्लिम महिलाओं को लेकर तीन तलाक को कानूनी रूप से खत्म करना जैसे विधेयक ने पीएम मोदी के कद को बढ़ाया. ये योजनाएं हैं, जिससे 20 करोड़ से भी ज्यादा महिलाओं, 5 करोड़ से ज्यादा स्कूलों छात्राओं और 11 करोड़ से ज्यादा कामकाजी महिलाओं को लाभ पहुंचा है. बावजूद उन्हें 10 वर्षों के कार्यकाल के बाद भी अपने संसदीय क्षेत्र में महिला वंदन कार्यक्रम करने की आवश्यकता पड़ गई.

पीएम मोदी के प्रयासों पर ग्रहण लगाते कार्यकर्ता

पीएम मोदी के 10 वर्षों के कार्यकाल में अनेकों लाभकारी योजनाओं के बावजूद महिलाओं में स्थानीय नेताओं के गलत बयानबाजी को लेकर आक्रोश नजर आ रहा है. शायद इस बात की जानकारी पीएम मोदी को हो गयी. जिसके फलस्वरूप उन्होंने नारी वंदन कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार कर काशी में सम्मेलन करने का निर्णय लिया. नारी वंदन कार्यक्रम को मूर्त रूप देने के लिए कार्यकर्ताओं ने ग्रामीण महिलाओं को इसके लिए प्रलोभन दिया कि पीएम मोदी आपसे वार्ता करने के लिए बुलाये हैं. पीएम मोदी से मिलने की तमन्ना लिए ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं नारी वंदन कार्यक्रम में बड़े ही उत्साह के साथ कार्यक्रम स्थल पर पहुंची तो उन्हें बैठने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ी. जिससे वे उन्हें कोसती हुई नजर आईं कहा कि हमसे मोदी जी बात करिहन नेता लोगन कहलन की मोदी जी बुलइले हउअन इहां बैठे के भी जगह ना हवे. कुछ महिलाएं कुर्सी कम पड़ने पर वापस जाने लगीं कहा कि वीडियो बन गइल अब चला.

बच्चे व छात्राएं भी हुईं शामिल

पीएम मोदी के नारी वंदन कार्यक्रम में 4 वर्ष की बच्ची से पार्टी का झंडा लहराना व छात्राओं को ड्रेस में बुलाया जाना कितना न्यायोचित है जबकि पीएम मोदी से लेकर भाजपा का एक-एक नेता चार सौ से अधिक लोकसभा की सीटों पर विजय का दम्भ भर रहा हो. कहीं भाजपा नेता इस तरह की भीड़ जुटा कर जनता को गुमराह तो नहीं करने का प्रयास कर रहे हैं.

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