ज्ञानवापी मामला: अखिलेश यादव और असदुद्दीन औवैसी पर दर्ज होगा मुकदमा!
ज्ञानवापी मामले में हिंदुओं की धार्मिक भावना आहत करने वाले बयान के आरोप में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी समेत दो हजार लोगों पर मुकदमा दर्ज करने संबंधी मामले में बुधवार को सुनवाई हुई. दोनों पक्ष की ओर से बहस के बाद एसीजेएम पंचम एमपी/एमएलए उज्ज्वल उपाध्याय की कोर्ट ने आदेश के लिए 10 अक्टूबर की तारीख तय की है. अदालत में सुनवाई के दौरान अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह, घनश्याम मिश्र, मदनमोहन यादव ने वादी हरिशंकर पांडेय की तरफ से दलीलें पेश कीं.
इसमें मुख्य रूप से जिला जज द्वारा उस आदेश का हवाला दिया गया जिसमें श्रृंगार गौरी मामला सुनवाई योग्य माना गया है. अदालत में यह भी कहा गया सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग जो हिंदुओं के आराध्य हैं, वहां वजू कर के गंदगी फैलाई जा रही थी. इससे हिंदुओ की भावना आहत हो रही थी. साथ ही हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव हिंदुओं की भावनाओ को भड़काने के लिए सोशल मीडिया पर बयानबाजी कर रहे थे. शहर मौलवी व काजी तमाम समर्थकों के साथ नारेबाजी कर उन्माद फैला रहे थे. ऐसे में मामले को सुनवाई योग्य मानते हुए विपक्षियों पर समुचित धाराओं में मुकदमा दर्ज किए जाने का अनुरोध किया गया. अदालत ने दलीलें सुनने के बाद पोषणीयता के बिंदु पर आदेश पारित करने के लिए 10 अक्टूबर की तारीख तय की.
जानिए पूरा मामला…
ज्ञानवापी परिसर में 16 मई को कोर्ट कमिश्नर की कार्यवाही के दौरान शिवलिंग मिलने के दावे के बाद अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी पर हिंदुओं की धार्मिक भावना आहत करने वाला बयान देने का आरोप लगा था. इस मामले में अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय की ओर से अदालत में प्रार्थना पत्र दिया गया. इसमें कहा गया कि वजूखाने में जाकर हाथ-पैर धोना और शिवलिंग वाली जगह पर गंदा पानी जाना आस्था पर कुठाराघात है. शिवलिंग को फव्वारा कहकर विद्वेष फैलाने का प्रयास किया गया. अखिलेश यादव ने पीपल के पेड़ के नीचे पत्थर रखने संबंधी बयान देकर लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत किया. असदुद्दीन ओवैसी व उनके भाई ने हिंदुओं के धार्मिक मामलों पर और स्वयंभू लार्ड विश्वेश्वर के खिलाफ लगातार अपमानजनक बातें कीं.
इस मामले में पुलिस आयुक्त को तहरीर देकर मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई. मुकदमा दर्ज नहीं होने पर अदालत में वाद दायर किया गया. आरोप लगाया गया कि पूरे मामले पर साजिश में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी, शहर काजी, शहर के उलेमा आदि शामिल हैं. न्यायालय में दायर वाद में ओवैसी और अखिलेश सहित सात नामजद और 2 हजार अज्ञात के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर विवेचना की मांग की गई है.
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