समानता के अधिकार पर तमाचा धऱती जबर्दस्त फिल्म है ‘गुठली’, जानें क्यों मचा विवाद …

0

फिल्म- गुठली – लड्डू
डायरेक्टर- इशरत खान
स्टारकास्ट- संजय मिश्रा, सुब्रत दत्ता ,कल्याणी मुले, कंचन पगारे
रेटिंग- 3

फिल्म गुठली लड्डू की कहानी सिर्फ फिल्म में दर्शाए गए दो बच्चों की नहीं बल्कि शहर से 100 से 50 मीटर पर बसें हर उस दूसरे गांव की है, जहां आज भी शिक्षा के नाम पर माध्यमिक विद्यालय तो बन गए है । लेकिन वहां बसने वाले लोगों के मन और दिमाग में अभी शिक्षा की ज्योति नहीं जल पाई है। जिसकी वजह से बनती ह गुठली लड्डू जैसी न जाने कितनी सच कहानियां…

इशरत आर खान के निर्देशन और गणेश पंडित , श्रीनिवास अब्रोल और इशरत आर खान लेखन से सजी फिल्म गुठली लड्डू समानता के अधिकार पर करार तमाचा रखने का काम करती है। ये फिल्म उन तमाम शिक्षाविदों, सरकारी नीतियां बनाने वालों और ग्रामीण बच्चों के लिए काम करने के नाम पर एनजीओ चलाने वालों को जरूर ही देखनी चाहिए, ताकि वे समझ पाए किस तरह से जाति किसी मासूम के शिक्षा के अधिकार का हनन करती है । इसके साथ ही जाति के बंधनो पर चोट करती इस फिल्म आज 13 अक्टूबर को सिनेमाघरों रिलीज कर दिया गया है। इस जबर्दस्त स्टोरी वाली फिल्म में संजय मिश्रा के अलावा सुब्रत दत्ता ,कल्याणी मुले और कंचन पगारे जैसे शानदार एक्टर्स नजर आ रहे हैं। आइए जानते हैं फिल्म की कहानी…

कहानी

फिल्म की कहानी दो छोटी जाति के बच्चे गुठली और लड्डू को उनको शिक्षा का अधिकार दिलाने पर गढी गयी है। गुठली और लड्डू के पिता साफ – सफाई का काम करते है, लेकिन गुठली पढना चाहता है। वह स्कूल की खिडकी से पढने का प्रयास करता है, लेकिन इसमें भी उसकी जाति आड़े आ जाती है। स्कूल के प्रिंसिपल संजय मिश्रा जो पहले नहीं चाहते थे, गुठली उनके स्कूल में पढ़े, उनका धीरे-धीरे गुठली के प्रति रवैया बदलने लगता है। क्या गुठली पढ़-लिख पाएगा? और क्या उसे स्कूल में एडमिशन मिलेगा? ऐसे तमाम सवालों के जवाब जानने के लिए आपको यह फिल्म देखनी होगी।

अभिनय

जाति व्यवस्था पर चोट करती यह फिल्म अपनी कहानी से बहुत गंभीर संदेश देती है और ऐसे कई सवाल उठाती है जो आपके मन को कहीं न कहीं कचोटते हैं। स्कूल के प्रिंसिपल के रूप में संजय मिश्रा ने शानदार एक्टिंग की है। उनके हाव-भाव और डायलॉग डिलीवरी हमेशा की तरह जबरदस्त रही है। वहीं लड्डू के किरदार को हीत शर्मा ने जिया है। वह स्क्रीन पर बहुत अच्छे लगे हैं। इसके अलावा सभी एक्टर्स ने अच्छा काम किया है।

इस वजह हुआ विवाद

 

गुजरात उच्च न्यायालय ने फिल्म ‘गुठली लड्डू’ में वाल्मीकि समुदाय के लिए एक सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए आपको बता दें कि, ‘यू’ प्रमाण पत्र सर्टिफिकेट वाली फिल्म गुठली और लड्डू सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए आज यानी 13 अक्टूबर को रिलीज कर दिया गया है । इसके साथ ही शुरू हुआ, इस फिल्म को लेकर विवाद जिसमें फिल्म में प्रयोग किेए गए । फिल्म के खिलाफ दायर की गयी याचिका ‘फिल्म ने उक्त शब्द का उपयोग करके सिनेमैटोग्राफ अधिनियम, 1952 के साथ ही अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के प्रावधानों का उल्लंघन किया है। याचिका में दावा किया गया था कि उक्त शब्द वाल्मिकी समुदाय की भावनाओं को आहत करता है।’

also read : सोशल मीडिया पर क्यों ट्रेंड हुआ #BoycottIndoPakMatch 

फिल्म में एक सीन में प्रयोग किया गया आपत्तिजनक शब्द

 

याचिकाकर्ता ने फिल्म की रिलीज को तबतक रोकने की मांग की थी, जब तक फिल्म के निर्माता ‘आपत्तिजनक’ शब्द को हटा नहीं देते है। उक्त शब्द का प्रयोग हाल ही में रिलीज हुए फिल्म के ट्रेलर में दिखा है। याचिका में कहा गया है कि, फिल्म ने उक्त शब्द का उपयोग करके सिनेमैटोग्राफ अधिनियम, 1952 के साथ ही अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के प्रावधानों का उल्लंघन किया है। याचिका में दावा किया गया था कि उक्त शब्द वाल्मिकी समुदाय की भावनाओं को आहत करता है।

 

 

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More