हिंदी में सृजन के लिए गुरमीत बेदी बर्लिन में होंगे सम्मानित
हिमाचल साहित्य अकादमी अवार्ड से पुरस्कृत कवि गुरमीत बेदी 21 जनवरी को जर्मन की राजधानी बर्लिन में आयोजित ‘वल्र्ड पोइट्री फेस्टीवल’ में कविता पाठ करेंगे और उन्हें हिंदी भाषा को बढ़ावा देने में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित भी किया जाएगा। जर्मनी की युवा कवयित्री रोजविटा इस अवसर पर गुरमीत बेदी द्वारा पढ़ी जाने वाली हिंदी कविताओं का जर्मनी में लिप्यांतर करेंगी।
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हिंदी प्रेम किसी से छिपा हुआ नहीं है
बेदी भले ही एक सिख पंजाबी परिवार में पैदा हुए लेकिन उनका हिंदी प्रेम किसी से छिपा हुआ नहीं है। उन्हें सरकारी कामकाज में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए पिछले साल विश्व हिंदी दिवस पर हिमाचल प्रदेश सरकार भी शिमला के गेईटी थिएटर में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में राजभाषा पुरस्कार से अलंकृत कर चुकी है।
‘वल्र्ड पोइट्री फेस्टीवल’ का आयोजन ‘द पोईट्स सोसायटी’ द्वारा किया जा रहा है। इस ‘वल्र्ड पोईट्री फेस्टीवल’ में एशियाई देशों सहित 35 देशों के कवि भाग लेंगे।
‘मौसम का तकाजा‘ के लिए हिमाचल साहित्य अकादमी अवार्ड से पुरस्कृत किया गया था
हिमाचल प्रदेश सूचना एवं जनसंपर्क विभाग में उप निदेशक के पद पर कार्यरत गुरमीत बेदी की कविता, कहानी, व्यंग्य व शोध की 8 पुस्तकों के अलावा तीन उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं। गुरमीत बेदी को 1994 में उनके कविता संग्रह ‘मौसम का तकाजा’ के लिए हिमाचल साहित्य अकादमी अवार्ड से पुरस्कृत किया गया था। उनके व्यंग्य संग्रह ‘नाक का सवाल’ पर उन्हें कनाडा की विरसा संस्था भी पुरस्कृत कर चुकी है।
बेदी पिछले वर्ष मॉरीशस में कविता पाठ कर चुके हैं
गुरमीत बेदी को ‘मां’ कविता पर वर्ष 2000 में राजस्थान पत्रिका का श्रेष्ठ सृजनात्मक साहित्य पुरस्कार व कहानी संग्रह ‘कुहासे में एक चेहरा’ के लिए पंजाब कला साहित्य अकादमी अवार्ड भी मिल चुका है। गुरमीत बेदी पिछले वर्ष मॉरीशस में कविता पाठ कर चुके हैं।
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