कहीं आम आदमी पार्टी न बिगाड़ दे खेल…

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद विनोद खन्ना के निधन से रिक्त हुई पंजाब में  गुरदासपुर लोकसभा सीट पर उप चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग किसी भी समय तारीख की घोषणा ( announce) कर सकता है।

चुनावी जंग के लिए पहला कदम भाजपा ने उठाया

इस सीट पर भाजपा व राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस के बीच कड़े मुकाबले के आसार दिख रहे हैं, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) दोनों का खेल बिगाड़ती दिख रही है। चुनावी जंग के लिए पहला कदम भाजपा ने उठाया है। पार्टी ने गुरदासपुर संसदीय सीट के तहत आने वाले सभी नौ विधानसभा क्षेत्रों के लिए चुनाव प्रभारियों की नियुक्ति का ऐलान कर दिया है।

अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में तत्काल सक्रिय होने के आदेश

भाजपा की राज्य इकाई के सचिव विनीत जोशी ने आईएएनएस से कहा, “पंजाब भाजपा अध्यक्ष (व केंद्रीय मंत्री) विजय सांपला ने सभी चुनाव प्रभारियों से अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में तत्काल सक्रिय होने और पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए काम करने को कहा है।”

राजनीतिक प्रतिष्ठा भी इस उप चुनाव में दांव पर रहेगी

2009 से 2014 तक इस सीट पर काबिज रहने वाली और राज्य विधानसभा चुनाव में शानदार जीत दर्ज करने वाली कांग्रेस इस सीट को फिर से भाजपा के पाले में नहीं जाने देने के लिए पूरा जोर लगाने वाली है। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की राजनीतिक प्रतिष्ठा भी इस उप चुनाव में दांव पर रहेगी।पंजाब विधानसभा चुनाव में दूसरे नंबर पर आने वाली आम आदमी पार्टी भी गुरदासपुर संसदीय सीट पर अपना उम्मीदवार उतारने जा रही है। इससे मुकाबले के त्रिकोणीय होने की संभावना बन गई है।

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कविता ही क्षेत्र की जिम्मेदारी संभालती थीं…

फिलहाल किसी भी पार्टी के पास कोई ऐसा बड़ा नाम नहीं है जिसका इस उप चुनाव में प्रत्याशी बनना तय हो। भाजपा में विनोद खन्ना की विधवा कविता खन्ना टिकट की दावेदार हैं। कैंसर से जूझने के दौरान विनोद खन्ना जब अस्पताल में हुआ करते थे, तब कविता ही क्षेत्र की जिम्मेदारी संभालती थीं। मुंबई स्थित बड़े व्यवसायी स्वर्ण सलारिया पहले भी सीट के लिए दावेदारी जता चुके हैं और इस बार भी जता सकते हैं। भाजपा खेमे में जिन अन्य नामों की चर्चा चल रही है उनमें विधायक दिनेश सिंह बाबू और राज्य भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अश्विनी शर्मा भी शामिल हैं।

अमरिंदर सिंह की निश्चित ही बड़ी भूमिका होने जा रही

कांग्रेस में जिन दावेदारों के नाम सामने आ रहे हैं, उनमें राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा के परिवार के एक सदस्य, विधायक सुखजिंदर सिंह रंधावा, अश्विनी सेकरी और पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार शामिल हैं। प्रत्याशी के चयन में अमरिंदर सिंह की निश्चित ही बड़ी भूमिका होने जा रही है।विनोद खन्ना इस सीट पर 1998 से 2004 तक और फिर 2014 से भाजपा सांसद रहे थे।

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