बाबा गोरखनाथ की जीवनी पढ़ेंगे सरकारी स्कूल के बच्चे
उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली एक किताब में अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गुरु बाबा गोरखनाथ की जीवनी पर चैप्टर शामिल किया गया है। जुलाई से शुरू हो रहे नए सत्र से यह किताब सरकारी स्कूलों में पढ़ाई जाएगी। किताब में नाथ संप्रदाय के बाबा गोरखनाथ के अलावा बाबा गंभीरनाथ भी पढ़ाए जाएंगे। साथ ही स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बंधु सिंह और रानी अवंती बाई सहित बुंदेलखंड के योद्धा भाई अल्हा और ऊदल को भी इस किताब में जगह दी गई है।
बेसिक शिक्षा विभाग को निर्देश दिए गए
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ नाथ गोरखपुर के गोरखनाथ मठ के मुख्य महंत हैं। यह मठ नाथ संप्रदाय का है। योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद ही इन महान व्यक्तित्व की विभूतियों को किताब के चैप्टर में शामिल करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग को निर्देश दिए गए थे।
‘नई पीढ़ी को इन हस्तियों के बारे में बताना जरूरी’
सीएम बनने से पहले योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से पांच बार सांसद रह चुके हैं। शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि महान विभूतियों को स्कूल पाठ्यक्रम में इसलिए शामिल किया गया है, क्योंकि ये चर्चित नहीं हैं और नई पीढ़ी को उनके बारे में बताने की जरूरत है।
नए सत्र से पढ़ाया जाने वाला पाठ्यक्रम कक्षा 1 से लेकर 8 तक फिर से बनाया गया है। गोरखनाथ का चैप्टर कक्षा 6 में शामिल किया गया है। इस किताब का शीषर्क है- ‘महान व्यक्तित्व’। इसी तरह दूसरे चैप्टर गंभीरनाथ, बंधु सिंह, अवंती बाई , वीर अल्हा, कक्षा 1 से 8 तक की अलग-अलग कक्षाओं में पढ़ाए जाएंगे।
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ऊदल भाइयों का भी जिक्र
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बंधु सिंह और रानी अवंती बाई को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। बंधु सिंह एक गुरिल्ला थे और उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ाई लड़ी। उन्हें 12 अगस्त 1857 में गोरखपुर के अलीगनगर क्रॉसिंग में फांसी पर लटका दिया गया था।
उसी तरह मध्य प्रदेश की रानी अवंती बाई ने भी अपने पति विक्रमादित्य की मौत के बाद अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। 12वीं सदीं के अल्हा ऊदल भाइयों के कहानी भी बच्चों के प्रेरित करेगी। इस किताब में पहले 32 चैप्टर थे, जो अब बढ़कर 38 हो गए हैं।