एयरपोर्ट की तरह हाईटेक दिखेगा गोरखपुर रेलवे स्टेशन, 612 करोड़ की लागत से होगा तैयार…
दुनिया के सबसे लंबे प्लेटफार्म के लिए लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स में अपना नाम दर्ज करा चुके अंग्रेजों के जमाने के गोरखपुर रेलवे स्टेशन का कायाकल्प होने जा रहा है. इसे अगले 50 साल तक की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए नए सिरे से विकसित किया जा रहा है. एयरपोर्ट की तरह हाईटेक दिखेगा गोरखपुर रेलवे स्टेशन, गोरखपुर पूर्वोत्तर रेलवे का मुख्यालय है। रेलवे मंत्रालय ने इसके आधुनिकीकरण की योजना बनाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सात जुलाई को गोरखपुर रेलवे स्टेशन की रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट की आधारशिला रखेंगे. इस रेलवे स्टेशन को 498 करोड़ रुपये की लागत से नए सिरे से तैयार किया जाएगा. प्रधानमंत्री साथ ही गोरखपुर-लखनऊ वंदे भारत को हरी झंडी दिखाएंगे. यह उत्तर प्रदेश की दूसरी वंदे भारत एक्सप्रेस होगी. इसमें यात्रियों के लिए खास सुविधाएं दी जा रही हैं। इसमें स्थानीय संस्कृति और वास्तुकला की झलक देखने को मिलेगी।
50 सालों की जरूरतों को ध्यान में रखकर निर्माण…
गोरखपुर रेलवे स्टेशन के रिडेवलपमेंट से आसपास के जिलों के साथ-साथ नेपाल को भी फायदा होगा. यहां से रोजाना करीब 93,000 यात्रियों का आना-जाना होता है। इसका विकास अगले 50 सालों की जरूरतों को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। उस समय तक गोरखपुर जंक्शन पर रोजाना करीब 1,68,000 यात्रियों के आवागमन का अनुमान है। प्रधानमंत्री गोरखपुर-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस को भी हरी झंडी दिखाएंगे।
6,300 वर्ग मीटर में बनेगा प्रस्तावित कॉन्कोर्स…
वर्तमान में मुख्य स्टेशन भवन का निर्माण 5.855 वर्ग मीटर एवं द्वितीय प्रवेश द्वार का निर्माण 720 वर्ग मीटर में किया गया है. प्रस्तावित स्टेशन का निर्माण 17,900 वर्ग मीटर और द्वितीय प्रवेश द्वार का निर्माण 7,400 वर्ग मीटर में किया जाएगा. प्रस्तावित कॉन्कोर्स 6,300 वर्ग मीटर बनाया जाएगा. जहां 3500 व्यक्ति एक साथ बैठ सकते हैं. कार, टू व्हीलर्स, थ्री व्हीलर्स की पार्किंग क्षमता 427 ई.सी.एस. है. जबकि प्रस्तावित पार्किंग क्षमता 838 ई.सी.एस. है. इसमें रूफ प्लाजा फूड आउटलेट, वेटिंग हॉल, ए.टी.एम. और किड्स प्ले एरिया का प्रावधान किया गया है. 06 मीटर चौड़े दो अतिरिक्त पैदल उपरिगामी पुल (एफ.ओ.बी.) होंगे.
300 वर्ग मीटर में होंगी टिकट खिड़कियां…
रेलवे स्टेशन पर आगमन और प्रस्थान के लिए अलग व्यवस्था होगी. मल्टी फंक्शनल कॉम्प्लेक्स का प्रावधान किया गया है. होटल, वाणिज्यिक केन्द्र, शॉपिंग मॉल का प्रावधान किया गया है. सेंट्रल मॉल, सर्कुलेटिंग एरिया में ग्रीन पैच, कामर्शियल ब्लाक, बजट होटल, पैदल आवागमन के लिये छाजनयुक्त पाथ-वे, 10,800 वर्ग मीटर में कॉन्कोर्स, 106 मीटर चौड़ाई के दो अतिरिक्त एफ.ओ. बी., रूफ कवरिंग एरिया 31,000 वर्ग मीटर, 44 लिफ्ट, 21 एस्केलेटर, 300 वर्ग मीटर में टिकट खिड़कियां होंगी.
ढाई साल में बनकर होगा तैयार…
गोरखपुर रेलवे स्टेशन के नए भवन के मॉडल को तैयार कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि नए भवन को बनने में ढाई साल का समय लगेगा. यानी ढाई साल के भीतर इसे तैयार करने का लक्ष्य लेकर वे लोग चल रहे हैं. उन्होंने बताया कि इंटरनेशनल एयरपोर्ट की तर्ज पर इसे डेवलप किया जाएगा. यहां आने वाले यात्रियों और पर्यटकों को गोरखपुर की संस्कृति की झलक दिखाई देगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके मॉडल को देखकर तारीफ की है. उन्होंने आश्वस्त किया है कि राज्य सरकार से हर तरह का सहयोग मिलेगा.
प्रतिदिन 90 हजार से अधिक यात्रियों का आवागमन…
यह स्टेशन गोरखपुर जनपद की लगभग 44.5 लाख की आबादी सहित निकटवर्ती जनपदों एवं नेपाल क्षेत्र के लोगों को भी अपनी सेवाएं दे रहा है. प्रतिदिन लगभग 90 हजार से अधिक यात्रियों का आवागमन होता है. गोरखपुर जंक्शन स्टेशन का पुनर्विकास आगामी 50 वर्षों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर किया जा रहा है. उस समय गोरखपुर जंक्शन स्टेशन पर यात्री आवागमन लगभग 1,68,000 प्रति दिन होगा।
रेलवे स्टेशन पर मिलेंगी आधुनिक सुविधाएं…
वर्तमान में मुख्य स्टेशन भवन का निर्माण 5.855 वर्ग मीटर एवं द्वितीय प्रवेश द्वार का निर्माण 720 वर्ग मीटर में किया गया है. प्रस्तावित स्टेशन का निर्माण 17,900 वर्ग मीटर एवं द्वितीय प्रवेश द्वार का निर्माण 7,400 वर्ग मीटर में किया जाएगा. प्रस्तावित कॉन्कोर्स 6,300 वर्ग मीटर बनाया जाएगा. जहां 3500 व्यक्ति एक साथ बैठ सकते हैं. कार, टू व्हीलर्स, थ्री व्हीलर्स की पार्किंग क्षमता 427 ईसीएस है. जबकि प्रस्तावित पार्किंग क्षमता 838 ईसीएस है. इसमें रूफ प्लाजा फूड आउटलेट, वेटिंग हॉल, ए.टी.एम. एवं किड्स प्ले एरिया का प्रावधान किया गया है. 6 मीटर चौड़े दो अतिरिक्त पैदल उपरिगामी पुल होंगे।
आगमन और प्रस्थान के लिए अलग व्यवस्था…
रेलवे स्टेशन पर आगमन और प्रस्थान के लिए अलग व्यवस्था होगी. मल्टी फंक्शनल कॉम्प्लेक्स का प्रावधान किया गया है. होटल, वाणिज्यिक केन्द्र, शॉपिंग मॉल का प्रावधान किया गया है. सेंट्रल मॉल, सर्कुलेटिंग एरिया में ग्रीन पैच, कामर्शियल ब्लाक, बजट होटल, पैदल आवागमन के लिये छाजनयुक्त पाथ-वे, 10,800 वर्ग मीटर में कॉन्कोर्स, 106 मीटर चौड़ाई के दो अतिरिक्त एफओबी, रूफ कवरिंग एरिया 31,000 वर्ग मीटर, 44 लिफ्ट, 21 एस्केलेटर, 300 वर्ग मीटर में टिकट खिड़कियां होंगी.
होटल की तरह मिलेगी सुविधाएं…
रेल मंत्रालय के पुनर्विकास योजना के तहत गोरखपुर रेलवे स्टेशन को एयरपोर्ट की तर्ज पर बनाया जाना है. योजना के मुताबिक स्टेशन भवन पर यहां के एतिहासिक धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व वाले स्थानों का अक्स देखने को मिलेगा. प्लेटफार्म के ऊपर रूफ प्लाजा बनेगा. नीचे से ट्रेनें आएंगी-जाएंगी और ऊपर शापिंग माल, रेस्टोरेंट, मनोरंजन के साधन उपलब्ध रहेंगे. इससे सभी प्लेटफार्म को जोड़ा जाएगा और हर जगह एस्केलेटर लगाए जाएंगे. इसी प्रकार स्टेशन के उत्तरी गेट से सीधे प्लेटफार्म नंबर नौ, आठ और सात पर पहुंच जाएंगे। प्लेटफार्मों तक पहुंचने वाले यात्रियों के लिए उत्तरी गेट से प्लेटफार्म नंबर नौ के ऊपर बनने वाले रूफ प्लाजा तक फ्लाईओवर बनेगा।
कितने साल पुराना है ये रेलवे स्टेशन…
बता दे कि 15 जनवरी, 1885 को सोनपुर से मनकापुर तक मीटर गेज रेल लाइन के निर्माण के साथ ही गोरखपुर रेलवे स्टेशन अस्तित्व में आया. वर्ष 1886 में गोरखपुर से उस्का बाजार लाइन के निर्माण के साथ ही गोरखपुर जंक्शन बना. वर्ष 1981 में छपरा से मल्हौर तक का आमान परिवर्तन पूर्ण हुआ और गोरखपुर जंक्शन बड़ी लाइन से देश के अन्य महानगरों से जुड़ा. वर्ष 2004 में यहाँ दोहरीकरण का कार्य सम्पन्न हुआ. समय के साथ गोरखपुर स्टेशन पर गाड़ियों एवं प्लेटफॉर्मों की संख्या में वृद्धि और स्टेशन के यार्ड रिमॉडलिंग का कार्य अपरिहार्य हो गया. गोरखपुर जंक्शन स्टेशन का यार्ड रिमडलिंग 6 अक्टूबर, 2013 को पूरा हुआ. इसी के साथ गोरखपुर जंक्शन स्टेशन का प्लेटफॉर्म विश्व का सबसे लम्बा प्लेटफॉर्म बना था. इस प्लेटफॉर्म की लम्बाई 1355.40 मीटर है तथा रैम्प के साथ इसकी लम्बाई 1,36,633 मीटर है. इसे लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के विश्व रिकॉर्ड में स्थान मिला था. गोरखपुर जंक्शन स्टेशन पर कुल 10 प्लेटफॉर्म हैं.
read also- बिहार में आसमान से बरसी आफत, 24 घंटे में 25 की मौत, 13 लोग झुलसे