थाने में खड़ी गाड़ी ले गई पुलिस तो मालिक ने जीपीएस से कर दी लॉक, इंस्पेक्टर गोमतीनगर लाइन हाजिर।
यह सभी के लिए बड़ी काम की खबर है। इसके चलते पुलिस की एक कारगुजारी सामने आयी और गोमतीनगर के इंस्पेक्टर लाइनहाजिर हो गये।
यह खबर नवभारत टाइम्स ने दी है।
सैंया भए कोतवाल तो डर काहे का
कहावत है-सैंया भए कोतवाल तो डर काहे का…। ‘कोतवाल’ साहब इसी हनक में थे। लूट का एक केस आया तो रिपोर्ट में दर्ज गाड़ी बिना लिखा-पढ़ी के थाने में खड़ी करवा ली। इतना ही नहीं, उस गाड़ी से साथी पुलिसवालों को एक केस के सिलसिले में लखीमपुर खीरी भेज दिया। लेकिन ‘कोतवाल’ साहब को सपने में भी यह गुमान नहीं रहा होगा कि गाड़ी में जीपीएस लगा है और उस पर किसी का रौब नहीं चलता। गाड़ी बीच रास्ते में खड़ी हो गई। पुलिसवालों ने लाख जतन किए, लेकिन गाड़ी टस से मस नहीं हुई। मामला शहर के सबसे बड़े पुलिस अफसर तक पहुंचा तो ‘कोतवाल’ साहब लाइन हाजिर कर दिए गए। मामला गोमतीनगर थाने का है और लाइन हाजिर होने वाले वहां के इंस्पेक्टर प्रमेंद्र सिंह हैं।
बाजार में कई तरह की डिवाइस आती है
अखबार लिखता है कि ऑटो मोबाइल के जानकार अजय यादव ने इस बाबत बताया कि गाड़ियों की सेफ्टी के लिए बाजार में कई तरह की डिवाइस आती हैं। इनकी मदद से कार की लाइव लोकेशन देखने के साथ ही कार का इंजन भी लॉक किया जा सकता है। इसके अलावा स्पीड कंट्रोल, तेल की मात्रा, एसी और टायरों से छेड़छाड़ की भी जानकारी घर बैठे मिल जाती है। टाटा एसआरएम मोटर्स में तैनात एक्सेसरीज मैनेजर साहिल सिद्दीकी ने बताया कि रियल टाइम जीपीएस 1,999 रुपये में, जबकि मिनी जीपीएस ट्रैकर 2,399 रुपये में उपलब्ध है। शहर के लालबाग में 4,500 रुपये से लेकर 20 हजार रुपये में ये हाईटेक डिवाइस मिल जाती हैं। डिवाइस में एक सिम कार्ड लगता है, जिसे रिचार्ज करवाना होता है।
पुलिस की कारगुजारी आयी सामने
इस बाबत पता चला है कि गोमतीनगर इंस्पेक्टर प्रमेंद्र सिंह ने बुधवार सुबह प्रशांत हत्याकांड में आरोपित अर्पण शुक्ला का बयान लेने के लिए तीन पुलिसवालों को अखंड की स्कॉर्पियो से लखीमपुर खीरी भेज दिया। यह बात अखंड के पिता को पता चली तो उन्होंने जीपीएस (ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम) की मदद से थेफ्ट लॉक ऑप्शन से इंजन लॉक कर दिया।
लखीमपुर के मोहनाई कस्बे में अचानक गाड़ी का इंजन बंद
लखीमपुर के मोहनाई कस्बे में अचानक गाड़ी का इंजन बंद होने से पुलिस वाले कुछ समझ नहीं पाए। इसके बाद पुलिस ने अखंड से संपर्क किया तो उसने गाड़ी लॉक करने की बात बताई। बैकफुट पर आई पुलिस ने अखंड को कार सुरक्षित रखने का लिखित आश्वासन दिया। तब जाकर कार अनलॉक की गई। मामले की जानकारी पर पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय ने गोमतीनगर इंस्पेक्टर को लाइन हाजिर कर दिया।