रिवर फ्रंट घोटाला : करोड़ों के दस्तावेज गायब

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उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का कभी ड्रीम प्रोजेक्ट रहा लखनऊ का गोमती रिवर फ्रंट उसी दिन से विवादों के घेरे में आ गया है, जिस दिन से सूबे में योगी ने सत्ता संभाली है। महंत योगी ने जिस दिन सीएम की कुस्री पर बैठे उसी दिन से रिवर फ्रंट पर अपनी निगाहें जमा दी थी। दरअसल, अखिलेश यादव के इस ड्रीम प्रोजेक्ट में सरकारी पैसों का खूब बंदरबाट किया गया और रिवर फ्रंट को चमकाने के बजाय अधिकारियों ने अपने घरों को चमकाने का जिम्मा उठा लिया।
रिवर प्रंट के नाम पर सरकारी पैसों का बंदरबाट

रिवर फ्रंट के नाम पर पूर्ववर्ती सरकार में खूब लूट खसोट मचाई गई और रिवर फ्रंट को बनाने के बजाय अपनी जेबें भरी गईं। रिवर फ्रंट घोटाले की जांच के लिए सीएम योगी ने सीबीआई जांच के आदेश आते ही दे दिए थे। रिवर फ्रंट घोटाले में अबतक कई सिंचाई विभाग के इंजीनियरों पर योगी की गाज गिर चुकी है। वहीं इस मामले में अब एक नया मोड़ सामने आ गया है।
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करोड़ों के दस्तावेज गायब

मालूम हो कि अभी तक जांच पूरी भी नहीं हुई हैं और पता चल रहा है कि घोटाले से संबंधित तमाम दस्तावेज गायब कर दिए गए हैं। इस मामले में सिंचाई विभाग के करोड़ों के दस्तावेज इधर से उधर किए जा चुके हैं। मुख्य सचिव के संज्ञान में मामला आने पर राजीव कुमार ने मामले की रिंपोर्ट तलब कर ली है। मुख्य सचिव ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को इक सप्ताह का समय दिया है जिसके अंदर रिपोर्ट सौंपी जानी है। मुख्य सचिव ने खुले शब्दों में कहा है कि इस मामले में जो भी इंजीनियर या अधिकारी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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