न्यायपालिका पर हमला, निशिकांत ने याद दिलाया इंदिरा गांधी का किस्सा…

Nishikant Dubey: न्यायपालिका पर दिए गए एक बयान को लेकर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने इंदिरा गांधी के दौर का हवाला देते हुए कांग्रेस पर हमला बोला है. उन्होंने कांग्रेस के द्वारा चलाए जा रहे संविधान बचाव अभियान की मजेदार बात को लेकर तंज कसा है, उन्होंने एक किस्सा सुनाया. इसमें उन्होंने कहा कि ‘1977 में इंदिरा गांधी जी के ऊपर लगे सभी भ्रष्टाचार के केस को जज बहरुल इस्लाम तन्मयता से खत्म कर दिए. इससे खुश होकर इंदिरा जी ने उन्हें राज्यसभा भेज दिया.

बिना डिग्री CJI का किया जिक्र…

बता दें कि इतना ही नहीं निशिकांत दुबे ने बिना कानून की डिग्री वाले CJI का भी जिक्र किया और कहा कि, क्या आपको पता है कि 1967-68 में भारत के मुख्य न्यायाधीश कैलाशनाथ वांचू जी ने क़ानून की कोई पढ़ाई नहीं की थी. इतना ही नहीं उन्होंने CJI एसवाई कुरैशी को गृह युद्ध के लिए जिम्मेदार ठहराया.

कौन थे जज बहरुल इस्लाम

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज रहे बहरुल इस्लाम की पढ़ाई गुवाहाटी (असम) के कॉटन कॉलेज और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से हुई थी. साल 1951 में उन्होंने वकालत करने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराया. इसके बाद साल 1958 से वह सुप्रीम कोर्ट में वकालत करने लगे. इसके बाद साल 1956 में उन्होंने असम की सोशलिस्ट पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. उसी साल उन्होंने उस वक्त की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस का दामन थाम लिया था.

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कांग्रेस का हाथ थामने के बाद बहरुल इस्लाम संगठन में अलग-अलग पदों पर अपनी भूमिका निभाते रहे. कांग्रेस पार्टी ने उन्हें दो बार 1962 और 1968 में राज्यसभा का सदस्य बनाया. वहीं 1972 में इस्लाम ने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और वह फिर से न्यायपालिका का हिस्सा बन गए. इस बार उन्हें गुवाहाटी हाईकोर्ट का जज नियुक्त किया गया. आगे चलकर वह गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने और उसी पद से रिटायर हुए. दूसरी ओर रिटायर होने के बाद दिसंबर 1980 में फिर उन्हें सीधे सुप्रीम कोर्ट का जज बना दिया गया.

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निशिकांत दुबे के किस बयान पर बवाल …

बता दें कि वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर निशिकांत दुबे ने सवाल उठाया था. ऐसा इसलिए कि वक्फ अधिनियम के खिलाफ कोर्ट में याचिकाएं लगाई गई थीं, जिन पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अहम आदेश दिए थे.

इसी बीच निशिकांत दुबे ने न्यायपालिका पर निशाना साधते हुए ‘X’ पर एक पोस्ट में लिखा कि कानून अगर सुप्रीम कोर्ट में ही बनेगा तो संसद भवन बंद कर देना चाहिए. बाद में मीडिया से बात करते हुए निशिकांत दुबे ने आलोचना को और तेज करते हुए सुप्रीम कोर्ट पर धार्मिक युद्धों को भड़काने और संवैधानिक सीमाओं को पार करने का आरोप लगाया.