शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है। शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि माता भगवती की आराधना, संकल्प, साधना और सिद्धि का दिव्य समय है। यह तन-मन को निरोग रखने का सुअवसर भी है।
इस दौरान देवी के प्रमुख नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। नवरात्रि का प्रत्येक दिन देवी मां के विशिष्ठ रूप को समर्पित होता है और हर स्वरुप की उपासना करने से अलग-अलग प्रकार के मनोरथ पूर्ण होते हैं।
तीसरा दिन माता चंद्रघंटा की पूजा-
नवरात्र में तीसरे दिन की पूजा का विशेष महत्व होता है। माना जाता है कि इस दिन मां के विग्रह का पूजन और अराधना की जाती है।
मान्यता है कि मां चंद्रघंटा के घंटे की ध्वनि से अत्याचारी, दानव, दैत्य और राक्षस कांपते हैं। माता की कृपा से भक्तों को अलौकिक वस्तुओं के दर्शन मिलते हैं।
धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि मां चंद्रघंटा की उपासना से भक्तों में वीरता और निर्भीकता के साथ ही सौम्यता और विनम्रता का विकास होता है।
इस रंग के कपड़े पहने-
नवरात्रि के तीसरे दिन हल्का भूरा रंग पहनें। मां चंद्रघंटा की पूजा करते वक्त आप इस रंग का कोई भी वस्त्र पहन सकते हैं।
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